कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर के देशों को लॉकडाउन करना पड़ा. ऐसे में बहुत से लोगों के सामने रोज़गार और रोटी की समस्या खड़ी हो गई. राहत की बात ये है कि इन मुश्किल हालातों में सरकार और कुछ समाज सेवक मिलकर ज़रूरतमंदों तक खाना आदि पहुंचा रहे हैं. उन्हीं में से एक हैं दिल्ली की तीन लड़कियां, जिन्होंने विधवा औरतों के परिवार को गोद ले लिया है. वो इनके परिवारों के लिए ज़रूरी सामान एकत्र कर उन तक पहुंचा रही हैं.
इन लड़कियों के नाम हैं अलीज़ा अली, मल्लिका गोयल और नोयोनिका गुप्ता. दिल्ली के कालिंदीकुंज मे रहने वाली 85 विधवा महिलाओं के परिवारों को इन्होंने गोद लिया है. तीनों ने प्रोजेक्ट ‘पनाह’ के तहत इन परिवारों का ज़िम्मा उठाया है. इनके लिए ज़रूरत का सामान एकत्र करने के लिए इन्होंने दिल्ली में दो बार डोनेशन अभियान भी चलाया है.
इन्हें जो राशन किट दी गई है उसमें खाने-पीने की सारी वस्तुएं हैं. पिछले दो महीने से उन्हें ये राशन दिल्ली पुलिस की मदद से भेजा जा रहा है. अलीज़ा अली ने बताया कि दिल्ली के कालिंदीकुंज इलाके में अधिकतर दिहाड़ी मज़दूर रहते हैं. उनमें से भी कई परिवार ऐसे हैं जिन्हें विधवा औरतें ही चलाती हैं. लॉकडाउन इनके लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं है. उन्हें दिन-रात इसी की चिंता सताए जाती थी कि वो कैसे सर्वाइव कर पाएंगे.
इनकी मदद के लिए इन तीनों लड़कियों ने प्रोजेक्ट ‘पनाह’ की शुरुआत की थी. ये इनका पहला प्रोजेक्ट है. अलीज़ा कहती हैं- ‘हम इस बात में विश्वास करते हैं कि मुश्किल के समय में ज़रूरतमंदों की मदद करना एहसान नहीं बल्कि हमारी ज़िम्मेदारी है. इस प्रोजेक्ट की सफ़लता को देखने के बाद हमें इसे आगे भी ज़ारी रखने की प्रेरणा मिली है और हम यही करेंगे.’
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