तिब्बती Mastiffs को कभी ‘कुत्तों का भगवान’ कहा जाता था पर अब शहरीकरण और अनियंत्रित प्रजनन से इनकी संख्या इतनी बढ़ गयी है कि ये चीन और तिब्बत की सड़कों पर आवारा घूमने को मजबूर हैं. इनकी बढ़ती संख्या लोगों के लिए मुसीबत बनती जा रही है.
करीब दस साल पहले चीन के लोगों में तिब्बती Mastiffs को पालने का क्रेज़ ज़ोरों पर था. उस वक़्त ये कुत्ते ओहदे की निशानी माने जाते थे. बड़ी कीमत चुका कर भी लोग इन्हें ख़रीदा करते थे.

धीरे-धीरे ये क्रेज़ ख़त्म हो गया और अब ये कुत्ते बड़ी संख्या में चीन और तिब्बत की सड़कों पर नज़र आते हैं. इनकी ब्रीडिंग कराने वाले लोगों ने इन्हें छोड़ दिया है. अब ये सड़कों पर आवारा घूम रहे हैं, जिससे लोगों को परेशानी होने लगी है. ये दूसरे जंगली जानवरों से उनका खाना छीन लेते हैं और उनके द्वारा लोगों पर हमला करने की ख़बरें भी आई हैं.
पर्यावरणविदों का कहना है कि इन कुत्तों से जानवरों में कई जानलेवा संक्रमण भी फैल सकते हैं. 2013 से ‘Gangri Neichog’ नाम का NGO इन कुत्तों के लिए काम कर रहा है. अब हालात ये हैं कि सड़कों पर इन कुत्तों के झुण्ड हर तरफ़ नज़र आते हैं.