TikTok की टक्कर में बना Mitron एप जिसको हम ‘वोकल फ़ॉर लोकल’ और भारत की आत्मनिर्भरता की पहली सीढ़ी समझ रहे थे, वो ‘मेड इन इंडिया’ नहीं है. यानी उसे किसी IIT के छात्र ने नहीं, बल्कि हमारे पड़ोसी मुल्क़ पाकिस्तान से ख़रीदा गया है.
News18 की एक ख़बर के अनुसार, इस एप के फ़ीचर, सोर्स कोड से लेकर इंटरफ़ेस तक सब एक पाकिस्तानी सॉफ़्टवेयर डेवलपर कंपनी, Qboxus से लिया गया है.
Qboxus के संस्थापक और CEO, इरफ़ान शेख़ के अनुसार उनकी कंपनी ने अपने एप के Source Code को 2,500 रुपये में Mitron के प्रमोटर को बेच दिया था.
News18 से की गई बात में इरफ़ान ने बताया कि वो अपने कस्टमर्स को Source Code बना कर बैच देते हैं और उम्मीद करते हैं वो उनसे अपने दम पर कुछ नया बनाएंगे. मगर Mitron एप के डेवलपर्स ने ऐसा कुछ भी नहीं किया. उन्होंने उस कोड में बिलकुल बदलाव नहीं किया, बस Logo बदल कर प्ले स्टोर पर अपलोड कर दिया.
इरफ़ान के मुताबिक़ इस तरह लोगों का एप को ‘मेड इन इंडिया’ बोलना एकदम ग़लत है.
Qboxus कंपनी ने पहले भी ऐसे कई एप बनाए हैं जो अन्य लोकप्रिय एप(इंस्टाग्राम, ज़ोमैटो) की नक़ल के रूप में काम करते हैं. इनमें से कुछ काफ़ी लोकप्रिय भी हुए थे.
रिपोर्ट के मुताबिक़, जब ShopKiller e-Commerce, जो कि Mitron एप के प्रमोटर हैं उनसे बात की गई तो उनका कहना था कि वो लोगों को ‘मेक इन इंडिया’ द्वारा निकले एक App का विकल्प देना चाहते थे.
इन सब बातों के साथ ही, Mitron App की प्राइवेसी पॉलिसी भी कुछ स्पष्ट नहीं है. अभी तक ये नहीं पता कि ये लोगों के डेटा को किस तरह इस्तेमाल करता है.