साल 2019 लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के टिकिट पर पहली बार पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर क्षेत्र से सांसद चुनी गईं 44 वर्षीय महुआ मोइत्रा अक्सर अपने दमदार भाषणों के लिए जानी जाती हैं.
बीते मंगलवार को भी महुआ मोइत्रा ने लोकसभा में ज़ोरदार भाषण दिया. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार की योजनाओं की जमकर धज्जियां उड़ाई.
केंद्र सरकार पर उन लोगों को धोखा देने का आरोप लगाया जिन्होंने बीजेपी को वोट दिया था. लोकसभा चुनाव में देश के 130 करोड़ लोगों में से 23 करोड़ मतदाताओं ने बीजेपी के पक्ष में मतदान किया था. इस दौरान बीजेपी के लिए वोट देने वाले लोगों में सिर्फ़ एक संप्रदाय के लोग ही नहीं थे.
A tale of betrayal by @MahuaMoitra pic.twitter.com/anbPKxUplL
— Bharat Ek Mauj (@BharatEkMauj) February 4, 2020
महुआ मोइत्रा ने सीएए, एनआरसी और एनपीआर के मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, जो पार्टी ‘सबका साथ, सबका विकास’ के नारे के साथ सत्ता में आई थी, उसने लोगों के साथ विश्वासघात किया है. देश की जनता ने बीजेपी के इसी नारे पर विश्वास कर उन्हें वोट दिया, लेकिन अब भाजपा सरकार लोगों की नागरिकता पर सवाल उठाकर उन्हें ही धोखा दे रही है.
“We r not ghaddars today because we point this out
— Umme Sarah (@isarah1234) February 4, 2020
We are ‘pehredaars’, guardians of our soil and our Constitution.
Jinhein naaz hai hind pe wo kahan hain..Yahaan hain, yahaan hain, yahaan hain”@MahuaMoitra pic.twitter.com/utoWffCznc
मोदी सरकार के लिए सीएए एनआरसी और एनपीआर एक हथियार की तरह हैं. इनकी बदौलत बीजेपी पहले लोगों की पहचान करेगी, फिर उनकी नागरिकता ख़त्म करगी, इसके बाद उन्हें देश से निकाल देगी. जाएगा.
बेरोजगारी पर मोदी सरकार चुप क्यों?
महुआ मोइत्रा ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने पहले बेरोज़गारी के आंकड़ों को ये कहकर खारिज कर दिया कि ये विश्वसनीय नहीं हैं. जबकि उन्हीं आंकड़ों के आधार पर वो ग़रीबी उन्मूलन का श्रेय ले रही थी. जबकि बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जीडीपी की वास्तविक वृद्धि दर के आंकड़े तक नहीं दे पाईं क्योंकि वो डर रही थीं.
महंगाई बढ़ रही है, विकास दर घट रही है
वित्त मंत्री जी ने कहा था कि अगले वित्त वर्ष में नॉमिनल जीडीपी 10% रहने का अनुमान है. जबकि महंगाई दर अभी 6.7% पर पहुंच चुकी है. इसका मतलब ये हुआ कि वास्तविक विकास दर मात्र 3.3% रहेगी जिसे केंद्र सरकार स्वीकार नहीं करना चाहती है. ख़ुद सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार अधिकतर आर्थिक आंकड़े नकारात्मक आने की बात कह चुके हैं.
मोइत्रा ने कहा कि गुजरात सरकार ने ‘स्टेच्यू ऑफ़ यूनिटी’ के नाम पर अनुसूचित जनजाति के जिन लोगों से ज़मीन ली गई थी, उन्हें बदले में सिर्फ़ शौचालय सफ़ाइकर्मी की नौकरी दी गई. आज देश में ऐसे हालात ऐसे बन चुके हैं कि बीजेपी के केंद्रीय मंत्री लोगों को गोलियां चलाने के लिए उकसा रहे हैं.
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