आपने चोरी की कई वारदातों के बारे में देखा, सुना और पढ़ा होगा. भैंसों से लेकर आम तक, पंखों से लेकर कलम तक सब कुछ चोरी हो चुका है अपने देश में.
हमारे यहां के चोर इतने शातिर हैं कि फ़िल्में और टीवी शो देखकर चोरी करने की प्रेरणा लेते हैं.
रेलगाड़ियों से तौलिये, चादरें, कंबल, हेडफ़ोन, नल और यहां तक कि वॉश बेसिन तक चोरी हो चुका है.
लेकिन क्या आपने कभी ट्रेन के कोच की चोरी के बारे में सुना है?
मज़ाक नहीं कर रहे भाई. हमारे देश में चोरों ने अलग इतिहास रच दिया है. India Today की रिपोर्ट के अनुसार नई दिल्ली से रांची चलने वाली कुछ ट्रेनों में लगाई गईं नई बोगियां गायब हो गई हैं. रांची डिविज़न पर तैनात अधिकारियों को भी इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि ट्रेन के डब्बे गये तो गये कहां?
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, Yard से ही ट्रेन Coaches गायब हो रहे हैं. Premium Trains, जैसे राजधानी एक्सप्रेस, संपर्क क्रांति एक्सप्रेस चोरी हो गई हैं.
रेलवे बोगियों की उम्र सीमित होती हैं. कुछ सालों बाद इनकी Quality ख़राब होने लगती हैं. कुछ दिनों पहले रांची से खुलने वाली राजधानी एक्सप्रेस तय सीमा से काफ़ी देर में चली थी, क्योंकि ट्रेन की तीन बोगियां ख़राब हो गई थीं.
हाल ही में रेलवे ने Baggage का वज़न भी तय कर दिया है. ज़्यादा Luggage ले जाने पर 6 गुना Penalty देनी पड़ सकती है. भारतीय इतने Talented हैं कि ट्रेन सफ़र में अपने साथ साईकिल, दूध के कनसतर, बाईक, गैस सिलेंडर सब कुछ लेकर चलते हैं. आंखों देखी बात बता रहे हैं. ये नियम ऐसे ही लोगों के लिए हैं, जो पैसेंजर सीट के साथ इन सब चीज़ों को भी लेकर चलते हैं.
नवभारत टाइम्स में छपी रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा नियमों के हिसाब से एसी फ़र्स्ट क्लास के यात्री 70 किलोग्राम, एसी 2 टीयर के यात्री 50 किलोग्राम, एसी 3 टीयर, एसी चेयरकार और स्लीपर क्लास के यात्री 40 किलोग्राम और सेकेंड क्लास स्लीपर के यात्री 35 किलोग्राम तक का सामान अपने साथ लेकर यात्रा कर सकते हैं. अगर फ़र्स्ट क्लास का कोई यात्री तय सीमा से 15 किलोग्राम और अन्य श्रेणियों के यात्री 10 किलोग्राम अधिक वज़न का सामान लेकर यात्रा कर रहे हैं तो वो 1.5 गुना चार्ज देकर सामान ले जा सकते हैं. लेकिन ये शुल्क यात्रा की शुरुआत में ही टीटीई को चुकाना होगा. अगर इससे ज़्यादा वज़न का सामान है, तो उसे पार्सल के ज़रिए बुक कराना होगा.
जिस देश में ट्रेन कोच Yard से गायब हो जाते हैं, वहां इन नियमों का पालन (धज्जियां उड़ाना ही पढ़िए) लोग कैसे करते हैं, ये देखना दिलचस्प होगा.