सालों से दुनिया के कई हिस्सों में लोगों ने चील को एक शिकारी की तरह बखूबी इस्तेमाल किया है. अपनी बला की फुर्ती और पंजों के सहारे चील अपने शिकार को खत्म करने के लिए जानी जाती रही है. चील की तेज निगाहें, शिकार करने की अद्भुत क्षमता और मारक पंजों की वजह से ही इन्हें अवैध और आतंकियों के ड्रोन्स के ख़िलाफ़ एक उपयोगी हथियार माना जा रहा है.

पक्षियों और मशीन की इस अनूठी जंग को गार्ड फ्रॉम अबव नाम की कंपनी ने दुनिया के सामने पेश किया है. यह पहली ऐसी कंपनी है जो इन चील को खास ट्रेनिंग देकर ड्रोन को नष्ट कराना सिखाती है.

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कंपनी के चीफ़ एक्ज़क्यूटिव ने बताया कि सालों से कई सरकारें ऐसे तरीकों की तलाश करती आ रही हैं, जिससे ड्रोन के खतरनाक इस्तेमाल को काउंटर किया जा सके. कभी कभी किसी हाइटेक समस्या के लिए छोटे-मोटे संसाधनों द्वारा भी काम चलाया जा सकता है और इस मामले में हमारे खास तरीके से ट्रेनिंग पाए हुए चील इस समस्या का समाधान साबित हो सकते हैं. ये पक्षी इन ड्रोन को शिकार की तरह देखती हैं और उन्हें आबादी वाले इलाकों से दूर ले जाकर, नष्ट करने का प्रयास करती हैं.

पिछले साल, फ्रांसीसी सेना के अंतर्गत चार गोल्डन चीलों को कड़ी ट्रेनिंग के बाद मैदान में उतारा गया था. इनमें से एक पक्षी ने 20 सेकेंड में 200 मीटर की दूरी तय की थी और एक ड्रोन में टक्कर मारते हुए उसे पूरी तरह से नष्ट कर दिया था. फ्रांस के एयर फ़ोर्स कमांडर के मुताबिक, ये चीलें अच्छा काम कर रही है और उम्मीद है कि इन्हें ड्रोन्स के खिलाफ़ एक कारगर हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकेगा

इस तरीके को सबसे पहले नीदरलैंड की पुलिस ने आज़माया था. पिछले साल एक ट्रेंन्ड चील की मदद से डच पुलिस ने एक ड्रोन को मार गिराया था. डच पुलिस से प्रेरणा लेते हुए ही फ्रांस की सेना ने ड्रोन के ख़िलाफ़ इन चीलों को इस्तेमाल करने का मन बनाया है.

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गौरतलब है कि फ्रांस प्रशासन 2015 से ही इस समस्या को लेकर परेशान था जब फ्रांस के बेहद संवेदनशील क्षेत्र प्रेजीडेंशियल पैलेस के ऊपर से ड्रोन उड़ते हुए पाए गए थे. हालांकि इस ड्रोन से कोई भी हताहत नहीं हुआ था लेकिन उसी साल नवंबर में पेरिस में हुए आतंकी हमले ने फ्रांस के प्रशासन को इन ड्रोन्स की काट के बारे में गंभीरता से सोचने पर मजबूर कर दिया था.

वे चाहते थे कि कोई ऐसा तरीका हो कि भीड़-भाड़ वाले इलाकों में इन ड्रोन्स को बिना गोली मारे काबू में किया जा सके और ऐसे में ट्रेनिंग पाए हुए ये खास चील एकदम मुफीद साबित हो रहे थे. इन चीलों के नामों को हॉलीवुड की मशहूर फ़िल्म ‘The Three Musketeers’ के नाम पर रखा गया है. फ्रेंच सेना, इन पक्षियों के पंजों को बेहतर बनाए रखने के लिए लेदर या केवलर के दस्ताने भी डिज़ाइन कर रही है.