मुंबई में एक बहुत ही दुखद घटना सामने आई है. एक परिवार के सभी सदस्यों ने आत्महत्या कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली. तीन सदस्यों का ये परिवार कई समस्याओं से जूझ रहा था. अंत में उन्होंने इनसे निजात पाने के लिए अपनी जान लेने का रास्ता चुन लिया.
घटना नवी मुंबई की है. मां, डॉक्टर जैस्मिन पटेल (45) ने अपनी बेटी, ओशिन (15) के साथ मौत को गले लगा लिया. उनके सुसाइड नोट में 20 अप्रैल की तारीख़ पड़ी है. जब पिता घर लौटे, तो उसने अपनी बेटी और पत्नी को मृत पाया. इंजीनियर इन्द्रजीत दत्ता (50) ने भी इस दुःख में फांसी लगा ली. उनका सुसाइड नोट 22 अप्रैल को लिखा गया है.
जब घर में काम करने वाली नौकरानी दो दिन की छुट्टी के बाद 23 अप्रैल को वापस लौटी, तो उसे घर के सभी लोगों की लाशें मिलीं.
सीनियर इंस्पेक्टर अशोक नायक ने बताया कि घर की चाबियां दरवाज़े पर प्लास्टिक की थैली में टांगी गयी थीं.
मां ने लम्बी बीमारी को बताया आत्महत्या का कारण
डॉक्टर पटेल, कमोठे में एक क्लिनिक चलाती थीं. उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा है कि लम्बी बीमारी के कारण वो अपनी जान ले रही हैं. उन्होंने ये भी लिखा कि वो अपनी बेटी को अकेले नहीं छोड़ना चाहतीं, इसलिए उन दोनों ने साथ आत्महत्या कर लेने का फैसला किया है.
पुलिस कमिश्नर हेमंत नागराले ने बताया कि उन्होंने अपने और अपनी बेटी के पार्थिव शरीर को KEM अस्पताल में रिसर्च के लिए डोनेट कर देने की इच्छा ज़ाहिर की है.
वहीं एक पुलिस ऑफ़िशियल ने बताया कि अभी परिवार के लोगों की हैण्डराइटिंग मिलाना बाकी है, ये एक मर्डर केस भी हो सकता है.
लड़की की डायरी
पुलिस को इन्द्रा विहार स्थित घर से ओशिन की डायरी मिली है. लड़की ने उसमें लिखा है कि नौवीं कक्षा के बाद जबरन उसका स्कूल छुड़वा दिया गया था. उसने ये भी लिखा है कि उसके मां-बाप के बीच पीने के बाद पैसों को लेकर कहासुनी होती थी. ओशिन ने डायरी में लिखा है कि हद से ज़्यादा बढ़ चुके वज़न के कारण उसे चलने के लिए छड़ी का सहारा लेना पड़ता था. उसकी ज़िन्दगी की इन समस्याओं के लिए उसने अपने माता-पिता को ज़िम्मेदार ठहराया है.
ख़राब आर्थिक हालत
पुलिस का मानना है कि परिवार के ऐसा करने के पीछे उनकी ख़राब आर्थिक स्थिति भी हो सकती है. बिल्डिंग के सिक्योरिटी गार्ड राधेश्याम पाल ने बताया कि उसने डॉक्टर पटेल को पिछले पांच महीनों में कभी क्लिनिक जाते नहीं देखा. मां और बेटी महीनों से घर से बाहर नहीं निकले थे. हालांकि फ्लैट के मालिक ने कहा है कि उसे समय से मकान का किराया (12,000) रुपये मिल रहा था.
Panvel Municipal Hospital में पोस्टमोर्टेम होने के बाद शवों को Vashi Municipal Hospital के शवगृह में रखा गया है और परिवार के रिश्तेदारों का पता लगाया जा रहा है.