आपने बॉलीवुड की ऐसी कई फ़िल्में देखी होंगी, जिसमें किसी मेले या किसी हादसे के कारण एक ही परिवार के भाई-बहन बिछुड़ जाते हैं. ऐसे ही फ़िल्मी अंदाज़ में 46 सालों से बिछड़े दो भाइयों का मिलन हुआ है.

ये असंभव सा दिखने वाला मामला असम के कोकराझार ज़िले का है. यहां के टिटागुरी में National Register of Citizens (एन आर सी) के ऑफ़िस में कुछ ऐसा ही नज़ारा देखने को मिला. सुत्राधर बंधु जो यहां अपना रजिस्ट्रेशन करवाने आये थे, यहीं दोनों एक-दूसरे से टकराए और 46 साल एक-दूसरे से दूर रहने के बावजूद छोटे भाई ने अपने बिछड़े हुए भाई को पहचान लिया.

कोकराझार के रहने वाले बिपिन सुत्राधर और शुक्लेश्वर सुत्राधर को एनआरसी ने दोबारा से अपना वेरिफ़िकेशन कराने के बुलाया था. बिपिन सुत्राधर बचपन में ही अपने बड़े भाई से बिछुड़ गए थे. उनके परिवार वालों ने उन्हें ढूंढने की कोशिश की, मगर वो नहीं मिले. इसके बाद बिपिन कोकराझार में ही किसी तरह मेहनत-मज़दूरी कर अपनी जिंदगी काटने लगे. कुछ समय बाद वो ज़िले के ही साउथ हेकोईपाड़ा गांव में बस गए. मगर सालों बाद एनआरसी के इस रूटीन कार्य की वजह से दोनों के परिवार एक बार फिर से मिलने में कामयाब हो गए.

जैसे ही छोटे भाई ने बड़े को पहचाना, वो एक-दूसरे के गले-लगकर रोने लगे. इसके बाद शुक्लेश्वर उन्हें अपने घर ले गये. यहां दोनों परिवारों ने जश्न मनाया. उनके बच्चे ये देखकर हैरान थे कि दोनों भाई आपस में ऐसे बातें कर रहे थे, जैसे इसके बाद अगला दिन होगा ही नहीं.

खैर फ़िल्मी स्टाइल में ही सही दोनों का मिलन तो हो गया. दोनों को यहां एनआरसी का शुक्रगुज़ार होना चाहिये, जिनकी वजह से ये संभव हो सका.