सुर्ख़ियों में छाया आकांक्षा हत्याकांड ऐसे मोड़ ले चुका है कि किसी क्राइम सीरियल की स्क्रिप्ट भी फ़ेल हो जाएगी. आरोपी उदयन ने अपनी गर्लफ्रेंड का ही नहीं, बल्कि अपने मां-बाप का भी खून किया है.

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डेढ हज़ार साइन कर के सीखे मां-बाप के फ़र्ज़ी साइन

पुलिस की पड़ताल में खुलासा हुआ है कि उदयन दास ने मां-बाप की हत्या के बाद मां-बाप के बैंक अकाउंट में जमा लाखों की रकम निकालने के लिए उनके साइन सीखने के लिए एक पूरी डायरी भर डाली थी. 50 से अधिक पन्नों वाली यह डायरी भोपाल स्थित उदयन के घर से कोलकाता पुलिस के हाथ लगी है. डायरी में डेढ़ हज़ार से अधिक फ़र्ज़ी साइन हैं, जो उसके मां-बाप के साइन से मिलते-जुलते हैं.

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पढ़ाई में नाकामी और नौकरी करने के दबाव के कारण मार डाला मां-बाप को

उदयन के रिश्तेदारों का कहना था कि मां इंद्राणी दास की इकलौते बेटे पर बेहद सख्ती थी. मां उसकी हर गतिविधि को शक की नज़र से देखती थी. छोटी-छोटी गलती करने पर उदयन दास को सज़ा देकर घंटों बाथरूम में बंद करके रखती थी. वह दिखने में साधारण और सीधा ज़रूर था, लेकिन उसके मन में मां के लिए नफ़रत घर कर गई थी.

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सीरियल देख कर सीरियल किलर बना

वेस्ट बंगाल की बांकुरा पुलिस ने आठ दिनों की रिमांड पर लेकर उससे पूछताछ शुरू कर दी है. इसमें उदयन ने इस बात को स्वीकार किया है कि उसने CSI लासवेगास और डेयरडेविल जैसे टीवी सीरियल देखकर अपने मां-बाप और लिव-इन पार्टनर को मौत के घाट उतारा. उसने अपनी मां इन्द्राणी का मुंह उस वक्त दबाया, जब वो आलमारी में कपड़े रख रही थी. इस वारदात को अंजाम देने के आधे घंटे बाद उसने पिता बीके दास की भी हत्या कर दी.

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उदयन ने माता-पिता दोनों शवों को दफ़नाने से पहले उनके सिर को जूट के बोरे और कपड़े से बांध दिया, ताकि सांस चल भी रही हो तो बंद हो जाए. पुलिस के मुताबिक, इन्द्राणी और बीके दास की हत्या के बाद उदयन ने दोनों के डेथ सर्टिफिकेट अलग-अलग स्थान में बनाया. मां का इटारसी से और पिता का इंदौर से. उसने अपने माता-पिता के खाते से साल 2008 से 2016 के बीच करीब 40 लाख रुपये निकाले हैं. ज़रूरत के हिसाब से वह कभी-कभी चेक का भी इस्तेमाल करता था. इतना ही नहीं बैंक अकाउंट से पैसे निकलने के लिए उदयन मां-बाप का फर्ज़ी साइन भी किया करता था.