मैं संविधान को साक्षी मानकर पत्नी का आजीवन साथ निभाने की शपथ लेता हूं. आप सोच रहे होंगे मैं ये क्या लिख रहा हूं. मैंने जो ऊपर लिखा है वो पूरे होशो-हवास में लिखा है. क्योंकि आज जो मैं आर्टिकल कर रहा हूं उसका टॉपिक ऐसे कपल्स हैं जिन्होंंने ईश्वर को नहीं, बल्कि संविधान को साक्षी मानकर शादी कस्में खाईं.
चलिए जानते हैं यूनीक स्टाईल में विवाह करने वाले कुछ ऐसे ही कपल्स के बारे में…
1. सचिन आशा सुभाष और शरवरी सुरेखा
पूणे के रहने वाले सचिन आशा सुभाष और शरवरी सुरेखा अरुण ने गणतंत्र दिवस(2019) को संविधान को साक्षी मानकर शादी की. शादी की रीतियों को बदलकर उन्होंने 7 सिद्धांतों सच, प्रेम, अहिंसा, मेहनत, विकास, विवेक और सद्भाव के आधार पर शादी की.
2. अमरजीत और रितु
अंबाला के रहने वाले अमरजीत और रितु ने भी संविधान को साक्षी मानकर 11 दिसंबर 2019 को शादी रचाई. दोनों ही ग़रीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने अपनी शादी से संदेश दिया की बिना ताम-झाम(फ़िज़ूलखर्ची) के भी शादी की जा सकती है.
3. अजय जाटव और बबीता
अजय जाटव और बवीता अलवर के रहने वाले हैं. दोनों ने अपनी शादी के ज़रिये लिंग समानता का संदेश देना चाहते थे. इसलिए दुल्हन बारात लेकर दुल्हे के घर पहुंची और संविधान की प्रति पर हाथ रख शादी की कस्में खाई. ये शादी 16 अक्टूबर 2019 को हुई थी.
4. निशा बांगरे और सुरेश अग्रवाल
मध्य प्रदेश बैतूल की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने भी समाज को संदेश देते हुए संविधान को साक्षी मानकर बैंकॉक में शादी की. उन्होंने निशा और सुरेश अग्रवाल ने गणतंत्र दिवस(2019) के मौक़े पर संविधान की प्रति के सामने एक दूसरे को वरमाला पहनाई.
5. बिलाप कुमार और अनीथा
ओडिशा के बहरामपुर ज़िले में रहता है ये कपल. इन्होंने पारंपरिक रूप से शादी करने के बजाए संविधान को साक्षी मानकर 22 अक्टूबर 2019 को शादी की. इनकी शादी में ब्लड डोनेशन कैंप भी आयोजित किया गया था.
6. मंदाकिनी पांडा औप पृथ्विक मिश्रा
26 जनवरी 2019 को इस कपल ने शादी की तो ये भी सुर्खियों में आ गए. कारण था संविधान की प्रति को साक्षी मानकर शादी की कस्में खाना.
7. विकास वाल्मिकी और अनामिका
बरेली के रहने वाले विकास अपनी शादी में कुछ अनोखा करना चाहते थे. इसलिए उन्होंने अनामिका से शादी संविधान को साक्षी मानकर की. ये विवाह 7 फ़रवरी 2020 को हुआ.
संविधान को साक्षी मानकर इन सभी लोगों ने समाज को कुछ-कुछ न कुछ संदेश दिया है. ऐसी शादियों को बढ़ावा देना चाहिए. इस बारे में आपका का ख़्याल है, कमेंट सेक्शन में हमसे ज़रूर शेयर करें.