हमारे देश को सबसे ज़्यादा IAS और IPS देने वाले दो राज्य बिहार और उत्तर प्रदेश में शिक्षा का स्तर इस कदर गिरा हुआ है कि कई बार हमें आश्चर्य होता है कि कैसे इतने IAS और IPS इन राज्यों ने दिए हैं. पिछले साल बिहार के टॉपर्स की पोल खुली, तो बहुत कुछ सामने भी आया. वहीं दूसरी ओर एक बार फिर यूपी में 10वीं की परीक्षा की तस्वीरें सामने आई हैं.

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हांलाकि, ये तस्वीरें यूपी के सिर्फ़ दो जिलों की हैं, लेकिन इसी से राज्य में शिक्षा के हालात का पता चल जाता है. ऑनलाइन वेबसाइट India Times द्वारा परीक्षा के दौरान मथुरा जिले के कस्बे फरेह के एक स्कूल का निरिक्षण किया. सेंटर में दाखिल होते वक़्त उन्हें किसी ने भी नहीं रोका और देखते ही देखते वो सेंटर के एक क्लास रूम में पहुंच गए, जहां का माहौल उनके लिए चौंकाने वाला था. सारे बच्चे एक-दूसरे के पास बैठे थे और एक-दूसरे की मदद कर रहे थे. तभी वहां उन लोगों ने एक आवाज़ सुनी. कमरे की दूसरी तरफ़ एक खिड़की थी, जहां से एक शख़्स झांक रहा था और क्लास के बच्चों को बोल रहा था कि पहला सवाल लिख लिया हो, तो अब दूसरा लिखने की तैयारी करो.

दरअसल, ये किसी बच्चे का रिश्तेदार नहीं, बल्कि परीक्षा पास करवाने वाले माफ़िया का गुर्गा था. वहां के कुछ लोगों ने बताया कि ये हर साल का हाल है और परीक्षा पास करवाने के लिए इन माफ़ियाओं ने पैकेज भी बनाए हैं. जिन्हें पैसे के आधार पर तीन हिस्सों में बांटा गया है.

पहला है 5 हज़ार रुपये, इसमें परीक्षा दे रहे छात्र को क्लास रूम में हर सवाल का जवाब पहुंचा दिया जाएगा.

दूसरा है 10 हज़ार रुपये. इस पैकेज में छात्र को एक शख़्स दिया जाएगा, जो उसके बदले परीक्षा के पेपर लिखेगा.

वहीं तीसरा है 15 हज़ार रुपये. इस पैकेज में छात्र को बस क्लास में आना है और अपनी Attendance लगा कर घर वापिस चले जाना है. उसका रिज़ल्ट अव्वल होगा.

यही हाल दूसरे कस्बों का भी है. राया के स्कूल राधा गोपाल इंटर कॉलेज में भी यही वाकया दोबार घटित होता दिखा.

मथुरा के ADM, ए.के. अवस्थी ने बताया कि उन्होंने परिक्षा में नकल करते हुए करीब 50 छात्रों को पकड़ा है, जिसकी शिकायत शिक्षा बोर्ड से भी कर दी गई है. वहीं मानत के SDM ने कहा कि हर बार पुलिस की संख्या इन परिक्षाओं में बढ़ा दी जाती है, लेकिन फिर भी ये नकल माफ़िया कोई न कोई तरीका निकाल ही लेते हैं अपने मंसूबों को कामयाब करने का.

इन सब के बीच बच्चे और उनके घर वाले ये भूल जाते हैं कि ऐसे परीक्षा पास करने का कोई फ़ायदा नहीं है और आने वाले वक़्त में इसका खामियाज़ा बच्चों को ही भुगतना होगा. साथ इन सब के बीच उन बच्चों का भविष्य भी ख़राब होता है, जिन्होंने सच में कड़ी मेहनत करते हैं.

Image Source: indiatimes