उत्तर प्रदेश से क़रीब 250 बसें शुक्रवार को राजस्थान के कोटा पहुंची. यहां यूपी के क़रीब 9 हज़ार छात्र फंसे हैं, जिन्हें प्रदेश सरकार ने वापस लाने और उनके घर पहुंचाने का फ़ैसला किया है. एक अधिकारी ने जानकारी दी है कि राजस्थान सरकार ने भी जरूरत पढ़ने पर 100 बसों का इंतज़ाम कर रखा है.
news18 की रिपोर्ट के मुताबिक़, प्रदेश सरकार ने ये निर्णय बच्चों के अभिभावकों की लगातार चिंता जताने के बाद लिया है. जबसे लॉकडाउन हुआ है, तब ही से अभिभावक अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए परेशान थे. कोटा कोचिंग सेंटर्स का हब माना जाता है, यही वजह है कि यहां बड़ी संख्या में अलग-अलग राज्यों से छात्र-छात्राएं पढ़ने आते हैं.
कोटा के पीआरओ हरिओम गुर्जर ने कहा, ‘यूपी के लगभग 9 हज़ार छात्र जो कोटा में अलग-अलग प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे, उन्हें देश में लगाए गए लॉकडाउन के मद्देनजर घर भेजा जा रहा है. उनके कोचिंग सेंटरों के पास राज्य में छह पिक-अप पॉइंट बनाए गए हैं. जहां प्रशासन इन छात्रों को पहुंचने में मदद कर रहा है. प्रत्येक बस में न्यूनतम 30 छात्र बैठेंगे.’
उन्होंने कहा कि छात्रों को स्क्रीनिंग के बाद बसों में बैठाया जा रहा है. यूपी सरकार ने ज़रूरत पड़ने पर और बसें भेजनी की बात कही है.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यूपी सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि अन्य राज्यों को भी ये सुनिश्चित करना चाहिए कि लॉकडाउन के दौरान यहां फंसे छात्र अपने घरों तक सुरक्षित पहुंच सकें.
सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट किया, ‘यूपी सरकार ने जिस तरह अपने छात्रों को वापस बुलाया है, वैसा ही दूसरे राज्यों के लिए भी किया जा सकता है. कोटा में रह रहे छात्रों को संबधित राज्यों की सहमति पर उनके घर भेजा जा सकता है ताकि ये युवा लड़के और लड़कियां घबराएं या उदास महसूस न करें.’
As the UP govt called back students of UP living in #Kota #Rajasthan, it can also be done for students from other states. Students in Kota can be sent to their home states on the consent of the concerned state govt so that these young boys & girls do not panic or feel depressed.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) April 17, 2020
इस मामले के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी बाबू लाल मीणा ने कहा कि छात्रों को वापस भेजने से पहले उनकी जांच की जा रही है.
‘हम कोटा के जिला मजिस्ट्रेट के साथ लगातार संपर्क में हैं और सभी छात्रों का मेडिकल चेकअप कराया जा रहा है. चेकअप के दौरान फ़िट पाए जाने वाले सभी लोगों को जल्द ही वापस लाया जाएगा. एक छात्र के बारे में अफ़वाह थी कि वो COVID-19 से संक्रमित है. हालांकि, हम सावधानी बरत रहे हैं.’
साथ ही एक अधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से भी 100 बसों का इंतज़ाम किया गया है ताकि यूपी से आने वाली बस कम पढ़ जाएं, तो इनके ज़रिए छात्रों को भेजा जा सके.
कोटा में देशभर के क़रीब 30 हज़ार छात्र फंसे
देशभर से छात्र मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए कोटा में आकर कोचिंग करते हैं. यहां के होस्टलों और पीजी में रहते हैं.
सरकार की ओर लॉकडाउन के एलान के बाद ये सब यहीं फंस गए और घर जाने को बेताब हो गए. कोटा के विभिन्न छात्रावासों में देश भर के 30 हज़ार अन्य छात्र भी रह रहे हैं.
अधिकारियों ने बताया कि महामारी के बीच फंस गए छात्रों द्वारा मंगलवार को #SendUsBackHome नामक एक सोशल मीडिया अभियान शुरू किया गया था, जिसके बाद यूपी सरकार ने छात्रों को वापस लाने के लिए लगभग 250 बसें भेजने का फ़ैसला किया.
सूत्रों के मुताबिक़, बिहार से लगभग 6,500 बच्चे, मध्य प्रदेश से 4,000, झारखंड से 3,000, हरियाणा से 2,000, महाराष्ट्र से 2,000, उत्तर पूर्व से 1,000 और पश्चिम बंगाल से 1,000 छात्र जिले में रह रहे हैं.