हमारे देश में इंसान पलायन करने को मजबूर नहीं हैं, बल्क़ि प्रवासी मज़दूर घरों को लौट रहे हैं. जी हां, सरकार हो चाहे लोग हम इन मज़दूरों को महज़ प्रवासियों की नज़र से ही देख रहे हैं. वो प्रवासी जो दूसरे शहरों में दो वक़्त की रोटी के लिए अपने घर-गांव को छोड़कर बेसहारा ज़िंदगी जीते आए हैं. शायद यही वजह है कि उन्हें न तो जीते जी सम्मान मिला और न ही अब मरने की बाद ही कोई इज़्ज़त नसीब है. ताज़ा उदाहरण यूपी के औरेया हादसे का है. यहां हादसे में मारे गए मज़दूरों के शवों के साथ अमानवीयता का मामला सामने आया है.

दरअसल, मज़दूरों के शवों को ट्रकों में भरकर झारखंड भेजा रहा था. साथ ही उसी ट्रक पर शवों के साथ घायल मज़दूरों को भी बिठा दिया गया था. ये शव शनिवार सुबह लखनऊ से 200 किमी. दूर औरैया में सड़क दुर्घटना में मारे गए प्रवासी मज़दूरों के थे. एक दिन बाद, ट्रक की तस्वीरें जिसमें मृतकों और घायलों को एक साथ ले जाया जा रहा था, सोशल मीडिया में वायरल हो गईं.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी ट्वीट कर अपना गुस्सा ज़ाहिर किया. उन्होंने कहा, ‘हमारे प्रवासी मज़दूरों के साथ इस अमानवीय व्यवहार से बचा जा सकता था. मैं झारखंड की सीमा तक मृत मज़दूरों को उपयुक्त तरीके से पहुंचाने की व्यवस्था करने का यूपी सरकार के ऑफ़िस और नीतीश कुमार जी से अनुरोध करता हूं. हम बोकारो में उनके घरों को पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे.’
This inhumane treatment of our migrant workers could possibly be avoided. I request .@UPGovt & Office of .@NitishKumar ‘ji to arrange suitable transportation of the deceased bodies till Jharkhand border & we will ensure adequate dignified arrangements to their homes in Bokaro. https://t.co/uJL922LElP
— Hemant Soren (घर में रहें – सुरक्षित रहें) (@HemantSorenJMM) May 17, 2020
गौरतलब है कि शनिवार को सुबह करीब 3.30 बजे औरैया में एक सड़क हादसा हो गया था, इसमें 26 मज़दूरों की मौत और 30 से ज़्यादा घायल हो गए थे. ये हादसा उस वक़्त हुआ था, जब पंजाब और राजस्थान से आ रहे दो ट्रक राजमार्ग पर आपस में टकरा गए थे. इस दुखद हादसे में 11 प्रवासी मज़दूर झारखंड के और बाकी पश्चिम बंगाल के रहने वाले थे.
इसके एक दिन बाद अधिकारियों ने झारखंड के बोकारो और पश्चिम बंगाल के पुरुलिया के लिए ट्रकों पर शवों और घायलों को उनके राज्य भेज दिया था. हालांकि जिस तरह से शवों को भेजा गया, उस पर सीएम सोरेन की प्रतिक्रिया के बाद प्रयागराज के राजमार्ग पर इन ट्रकों को रोक दिया गया और शवों को एम्बुलेंस के जरिए भेजा गया था.

वहीं, इस मामले पर झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार का हिस्सा कांग्रेस ने भी अपनी सख़्त प्रतिक्रिया दी है. पार्टी का कहना है कि यात्रा के दौरान शव से ‘खराब’ होने शुरू हो गए थे. वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि मेडिकल नियमों के तहत भी मज़दूरों को इस तरह से यात्रा करने के लिए मजबूर किया जाना आपराधिक कृत्य था.
इस बीच औरैया के जिला मजिस्ट्रेट अभिषेक सिंह ने कहा, ‘जो तस्वीर वायरल हुई है उसकी जांच की जाएगी.’
हालांकि, इस मुद्दे पर अब सियासी घमासान भी शुरू हो गया है. यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस पर इशारों में ही निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि ये ट्रक कांग्रेस शासित राज्यों में अवैध रूप से चल रहे थे. वहीं कांग्रेस ने यूपी सीएम के इस्तीफ़े की मांग की है.