दिल्ली में 16 दिसंबर, 2012 की रात, चलती बस में हुए भयानक गैंग रेप से अभिषेक बुरी तरह हिल गया था. इस गैंगरेप ने न केवल अभिषेक बल्कि पूरे देश को महिला सुरक्षा पर एक नए तरीक़े से सोचने पर मजबूर कर दिया था. 

अभिषेक एक मार्शल आर्ट एक्सपर्ट हैं. गैंगरेप की इस घटना के बाद उन्होंने महिलाओं को आत्म-रक्षा की ट्रेनिंग देने का फैसला लिया. वो चाहते थे कि महिलाएं अपनी रक्षा ख़ुद कर सकें. 

28 साल के अभिषेक ‘अभिसेल्फ़ प्रोटेक्शन ट्रस्ट’ के नाम से एक एनजीओ चलाते हैं. इस एनजीओ में वो ‘मेरी रक्षा, मेरे हाथों में’ कार्यक्रम के ज़रिए लड़कियों को ट्रेनिंग देते हैं. इस प्रोग्राम में अधिकतर लड़कियां ग्रामीण इलाकों से आई हुई हैं. 

अभिषेक Aikido (एक जैपनीज़ मार्शल आर्ट का रूप) के एक्सपर्ट हैं. इससे पहले वो यूपी पुलिस को ट्रेन किया करते थे.  

India Times से की बातचीत में वो कहते हैं, ‘मैंने 2007 में यूपी पुलिस के कमांडोज़ को मार्शल आर्ट्स में ट्रेन करना शुरू किया था. लेकिन 2012 के दिल्ली गैंगरेप के बाद यही आत्म-रक्षा की ट्रेनिंग में लड़कियों को देने लगा. एक हफ़्ते लम्बी ये ट्रेनिंग उन्हें सशक्त और इस क़ाबिल बनाती है कि वो अब्यूज़र्स से ख़ुद लड़ सकें.’ 

प्रतापगढ़ के कुंदा की 5,700 लड़कियों को आत्म-रक्षा की ट्रेनिंग देने के लिए, 2016 में अभिषेक का नाम ‘लिम्का वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में भी दर्ज़ किया गया था. 

अभिषेक ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कराटे में गोल्ड मेडल जीता है. लड़कियों को ट्रेन करने के लिए अभिषेक के पास 12 लोगों की एक टीम है. 

बहुत जल्द अभिषेक दिल्ली और हरियाणा की लड़कियों को भी आत्म-रक्षा की ट्रेनिंग देना शुरू करेंगे. अब तक अभिषेक पूरे उत्तर प्रदेश में 2.5 लाख लड़कियों को मुफ़्त में ट्रेनिंग दे चुके हैं.