तुगलकी फ़रमानों की कड़ी में बीजेपी के एक मंत्री का बयान भी शामिल हो गया है. उत्तर प्रदेश के मंत्री ओम प्रकाश राजभर अपने एक वीडियो के चलते सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. ओमप्रकाश ने लोगों को चेताया है कि अगर वे अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे तो उन्हें जेल में बंद कर दिया जाएगा.

दिव्यांगजन मंत्री ओम प्रकाश हाल ही में पार्टी द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में कहा कि ‘मैं अपनी तरफ़ से एक कानून बनाने की सोच रहा हूं. अगर लोग अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे तो इन लोगों को पुलिस स्टेशन में पांच दिनों तक बैठाया जाएगा और न तो इन्हें खाना दिया जाएगा और न ही पानी’

उन्होंने कहा कि ‘अगर लोग अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे तो उन्हें पुलिस गिरफ़्तार कर ले जाएगी. अब तक लोगों के भाई, संबंधी और लीडर तक समझाते आए हैं लेकिन अब भी अगर लोग नहीं माने तो अगले छह महीनों तक मैं इन लोगों को ‘समझाता’ रहूंगा.’

ओमप्रकाश ने कहा, जिस तरह रावण से माता सीता को छुड़ाने के लिए भगवान राम को कठिन कदम उठाने पड़े थे उसी तरह जो लोग अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजते हैं, उनके खिलाफ़ भी सख़्त कदम उठाने की ज़रूरत है. मैं तो इस मामले में मृत्युदंड के भी समर्थन में हूं.

जाहिर है, अपने बयान के चलते ओमप्रकाश का ये वीडियो जल्दी ही सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा लेकिन वे अपने इस विवादास्पद बयान पर अब भी कायम है.

उन्होंने कहा, ‘मैं अपने बयान पर कायम हूं. आखिर क्यों ये लोग अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं जब सरकार एजुकेशन की सारी व्यवस्था और सुविधाएं प्रदान करा रही है? अगर डराने धमकाने से ये लोग अपने बच्चों को स्कूल भेजना शुरू कर देते हैं तो इसमें बुराई क्या है? गौरतलब है कि ओमप्रकाश ने इस मामले में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से अब तक कोई बात नहीं की है. 

यूपी के मंत्री महोदय के इरादे भले ही नेक हों लेकिन जनता पर थोपे गए ऐसे फ़रमान न केवल लोकतंत्र के लिए हानिकारक हैं बल्कि ह्यूमन राइट्स का भी उल्लंघन करते हैं.