फ़िल्म मुन्नाभाई एमबीबीएस में एक्टर संजय दत्त एक नक़ली अस्पताल चला रहे थे, जिसका भांडा फोड़ देते हैं बोमन ईरानी. यूपी के सहारनपुर से भी एक ऐसा ही मुन्नाभाई एमबीबीएस पकड़ा गया है, जो पिछले 10 साल से नक़ली डिग्री के साथ लोकल हेल्थ सेंटर(सीएचसी) में बतौर सर्जन काम कर रहा था.
यूपी पुलिस द्वारा पकड़े गए इस शख़्स का नाम ओम पाल है. वो पिछले 10 साल से लोगों की सर्जरी कर रहा था. यही नहीं, सहारनपुर में उसका ख़ुद का एक नर्सिंग होम भी है. शख़्स के पास से मैसूर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर राजेश आर. की नक़ली डिग्री भी बरामद की गई है.

इस बात का ख़ुलासा तब हुआ जब ओम पाल को उनका पर्दाफ़ाश करने की धमकी भरा एक कॉल आया. ब्लैकमेलर ने उनसे 40 लाख रुपये की डिमांड की थी. ओम पाल ने सोचा इतने साल से कुछ नहीं हुआ तो अब क्या होगा और इसकी शिकायत पुलिस को कर दी.
पुलिस ने जब जांच की तो पता चला कि ओम पाल की डिग्री नक़ली है. मैसूर मेडिकल कॉलेज ने इस बात की पुष्टि की है. पुलिस के अनुसार,ओम पाल साल 2000 में मैसूर में स्थित एयरफ़ोर्स स्टेशन के हॉस्पिटल में बतौर Paramedic काम कर चुका है.

यहीं उसकी दोस्ती असली डॉक्टर राजेश आर. से हुई थी, जो फ़िलहाल यूएस में हैं. उनके यूएस जाने से पहले ही ओम पाल ने उनकी डिग्री की नक़ल कर उस पर अपना फ़ोटो चिपका लिया था. इसके बाद वो यूपी के सहारनपुर में सर्जन के रूप में काम करने लगा.
सहारनपुर के एसपी, विद्यासागर मिश्रा ने इस बारे में बात करते हुए कहा- ‘ओम पाल अपनी नक़ली डिग्री की मदद से देवबंद के सीएचसी में कॉन्ट्रेक्ट पर नौकरी कर रहा था. उसने दावा किया है कि वो अब तक हज़ारों सर्जरी कर चुका है. उसकी असलियत तब सामने आई जब उसे Extortion Call आया.’
Saharanpur: A man, Om Pal Sharma, practicing as a doctor since 10 yrs, was arrested by police after his MBBS degree was found to be fake. Saharanpur SP (rural) says “He had forged the degree of a Rajesh R,a practicing doctor in Bengaluru,&had been ‘practicing’ since 10 yrs.(30.9) pic.twitter.com/12Z7tE27RS
— ANI UP (@ANINewsUP) September 30, 2019
फ़िलहाल, पुलिस ने उसे गिरफ़्तार कर लिया है और इस मामले में आगे की जांच जारी है.
भले ही पुलिस ने इस फ़्रॉड डॉक्टर को गिरफ़्तार कर लिया हो, लेकिन इतने सालों तक पुलिस को इसकी भनक क्यों नहीं लगी? कैसे वो पुलिस और प्रशासन की आंखों में धूल झोकने में कामयाब रहा? इन सब सवालों के जवाब भी पुलिस और स्वास्थ्य विभाग को देने चाहिए.
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