ये हर देश की ज़िम्मेदारी होती है कि उसके भविष्य, यानि छात्रों को बेस्ट सुविधाएं मिलें, लेकिन भारत में इसके उलट ही हो रहा है, ख़ासकर अगर बात यूपी की हो तो. यूपी का शिक्षा विभाग छात्रों के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर नहीं है. पहले मिड-डे मील में नमक-रोटी परोसने का मामला सामने आया था. और अब छात्रों ऐसा दूध पिलाया जा रहा है, जिसमें दूध नाम मात्र का है. ताज़ा मामला सोनभद्र के एक प्राइमरी स्कूल का है, जहां 1 लीटर दूध को बाल्टी भर पानी में मिलाकर 85 छात्रों को परोस दिया गया.

दरअसल, बच्चों के पोषण का ख़्याल रखते हुए शिक्षा विभाग उन्हें रोज़ाना मिड-डे मील उपलब्ध कराता है. बुधवार को इसके तहत बच्चों को दूध दिया जाना था. लेकिन सोनभद्र जिले के सलाई बनवा स्कूल में बच्चों को दूध देने के नाम पर खिलवाड़ किया गया. वहां पर दूध की कमी होने की बात कहकर एक लीटर दूध में बाल्टी भर पानी मिलाकर 85 बच्चों को सर्व कर दिया गया.
Sonbhadra: One bucket of water was allegedly mixed into 1 litre of milk to serve 85 students in mid day meal at Salai Banwa Primary School in Kota village. Asst Basic Shiksha Adhikari says, “I am investigating the matter, Action will be taken against the culprits.” (27.11.2019) pic.twitter.com/aq1445EgJA
— ANI UP (@ANINewsUP) November 29, 2019
जब इस बात की ख़बर मीडिया में आई तो राज्य के शिक्षा अधिकारियों की नींद खुली और उन्होंने जांच करने तथा दोषी को सज़ा देनी की बात कही. इस स्कूल में तक़रीबन 171 बच्चे पढ़ते हैं. जिस दिन स्कूल में ये मिलावटी दूध बांटा गया, उस दिन स्कूल में 85 छात्र उपस्थित थे.
Asst Basic Shiksha Adhikari, Sonbhadra: I am being told milk was unavailable, so they were directed by authority to mix water in it, in a balanced quantity. I’m also being told that teachers had gone to get more milk but meanwhile pictures were clicked & distributed them. (27.11) https://t.co/MSAr2rnoJI pic.twitter.com/Cej4TeEala
— ANI UP (@ANINewsUP) November 29, 2019
सोनभद्र के प्राथमिक शिक्षा अधिकारी ने इस संदर्भ में बात करते हुए कहा- ‘जब हमने इस बारे में पूछताछ की तो हमें बताया गया कि दूध उपलब्ध नहीं था. इस बारे में जब शिक्षकों ने उच्च अधिकारियों को अवगत कराया, तो उन्होंने दूध की क्वॉन्टिटी को बैलेंस करने के लिए उसमें पानी मिलाने की बात कही. मुझे ये भी बताया गया कि शिक्षक और दूध लेने गए थे, लेकिन इसी बीच उनकी तस्वीरें खींच कर मीडिया पर शेयर कर दिया गया.’

वैसे मिड डे मील सर्व करने में लापरवाही बरतने का ये पहला मामला नहीं है. इससे पहले अगस्त में मिर्ज़ापुर जिले के एक स्कूल में बच्चों को नमक रोटी सर्व की गई थी, जिसकी धमक सत्ता के गलियारों तक भी पहुंची थी. लेकिन ताज़ा मामले को देखते हुए लगता नहीं है कि नेता और अधिकारी बच्चों के भविष्य को लेकर संजीदा हैं.
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