मंगलवार को ‘केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड’ द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक़ वाराणसी देश का सबसे प्रदूषित शहर है. देश के पांच सबसे प्रदूषित शहरों में चार शहर यूपी के हैं.
बनारस में वातावरण में नमी व आसमान में बादल की वजह से भी प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक होती जा रही है. एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के अनुसार प्रति घन मीटर पीएम 2.5 और पीएम 10 की औसत मात्रा क्रमश: 243 और 227 तक रही लेकिन अलग-अलग समय पर इनका घनत्व ख़तरनाक स्तर तक पहुंच गया था.
वाराणसी (AQI 276) के साथ पहले स्थान पर है. इसके बाद लखनऊ (AQI 269), मुजफ़्फ़रनगर (AQI 266) हरियाणा में यमुनानगर (AQI 264) और मुरादाबाद (AQI 256) टॉप पांच प्रदूषित शहर हैं.
जबकि सोमवार को लखनऊ (AQI 294) के साथ देश का सबसे प्रदूषित शहर था. हालांकि, मंगलवार को धीमी बारिश और ठंडी हवाओं के चलते लखनऊ (AQI 269) में मौसम थोड़ा ठीक था. लखनऊ की तुलना में देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदुषण बेहद कम है. दिल्ली (AQI 207) से कहीं अधिक प्रदूषित शहर है.
क्लाइमेट एंड एयर मॉनिटरिंग स्टेशन के निदेशक प्रोफ़ेसर ध्रुवसेन सिंह का कहना है कि प्रदूषण में फ़िलहाल गिरावट देखी जा रही है, लेकिन दीपावली के बाद हालात चिंताजनक होंगे. हवा की गुणवत्ता ख़तरनाक स्तर तक बिगड़ने की उम्मीद है.
वाराणसी नगर निगम के आयुक्त आशुतोष द्विवेदी ने कहा कि, हवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए व्यापक रूप से वृक्षारोपण अभियान चलाए जा रहे हैं. बनारस में विभिन्न विकास परियोजनाओं के निर्माण के चलते ये स्थिति बनी है.
वाराणसी में पिछले हफ़्ते प्रदूषण की स्थिति कुछ ऐसे थी.
तारीख पीएम 2.5 पीएम 10
वाराणसी में पिछले दो साल के दौरान एकत्र पीएम-2.5 और पीएम-10 के आंकड़े बताते हैं कि यहां वायु की गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं हो रहा है. बल्कि यहां की हवा अब भी ‘ख़राब’ और ‘बहुत ख़राब’ की श्रेणी में है.