भारतीय खेल प्राधिकरण (बोलपुर) की एक 14 वर्षीय तीरंदाज़ की जान जाते-जाते बच गई. दरअसल, बीते सोमवार सुबह अभ्यास सत्र के दौरान, एक तीर उसकी गर्दन के दायें हिस्से के पास से होता हुआ आर-पार निकल गया.

Sports Authority of India, Bolkar (SAI) के क्षेत्रीय निदेशक एम.एस. गोइंडी ने इसे एक दुर्घटना बताते हुए कहा, तीरंदाज़ फ़ाज़िला खातून के गर्दन के पास से तीर आर-पार निकल गया, फिलहाल वो ख़तरे से बाहर है और अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है. पीटीआई से बातचीत के दौरान गोइंडी ने बताया कि एक तीर फ़ाज़िला की गर्दन के पास से आर-पार हो गया, लेकिन ख़ुशकिस्मती से वो उसकी सांस नली से होकर नहीं गुज़रा और अब वो पूरी तरह से ख़तरे से बाहर हैं.

आगे बताते हुए गोइंडी कहते हैं, ‘पीड़िता लक्ष्य से कुछ दूरी पर छाया में आराम कर रही थी, जब ग़लत दिशा में चलाया गया एक तीर उसकी गर्दन पर जा लगा. घटना के बारे में हमने लड़की के परिजनों से बात की है. लड़की ने अपनी ग़लती स्वीकारते हुए कहा है कि उसे लक्ष्य के इतने पास नहीं बैठना चाहिए था, साथ ही उसने इसके लिए माफ़ी भी मांगी है.’

ये वीडियो किसी के मन को भी विचलित कर सकता है. वीडियो में दिखाया गया है कि फ़ाज़िला अस्पताल में है और तीर उनकी गर्दन के दायीं तरफ से आर-पार हुआ है. गोइंडी ने घटना की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं, साथ ही ये भी कहा कि निशाना लगाने को लेकर कड़े निर्देश दिये गये हैं कि जब तीरंदाज़ तीर एकत्रित करने गया हो, तब कोई निशाना नहीं लगाएगा. उनके वापस अपनी जगह पर लौटने के बाद ही अगले दौर के निशाने लगाये जाते हैं. मैं नहीं जानता कि ये सब अचानक कैसे हो गया.’

गोइंडी कहते हैं ‘इसके लिए सभी कोच जवाबदेह हैं. मैं पूरी जांच करवाऊंगा कि क्या हमारी तरफ़ से कोई चूक हुई है. मैं ये भी सुनिश्चित करूंगा कि भविष्य में ऐसी कोई घटना नहीं घटे.’ उन्होंने कहा, ‘ऐसा लगता है कि कोचिंग स्टाफ़ की तरफ़ से चूक हुई, क्योंकि एक सेट निशाने पर लगाने के बाद निशाना नहीं लगाने की घोषणा कर दी जाती है.’

Source : Sangbad Pratidin

बता दें कि फ़ाज़िला रिकर्व की युवा तीरंदाज़ है. वो उन 23 प्रशिक्षुओं में शामिल है, जिन्हें जुलाई में ज़िला प्रतियोगिताओं में ट्रायल के बाद SAI केंद्र के लिये चुना गया था. अगले महीने होने वाले अंतर साइ टूर्नामेंट के लिये तैयारियां कर रही थी.