18 मई को ख़बर आयी कि स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने किंगफ़िशर किंग, विजय माल्या को अरेस्ट कर लिया. ये ख़बर सुनते ही भारत के चेहरे पर अलग ख़ुशी थी, लेकिन ये जितनी देर में ये ख़बर ब्रेकिंग न्यूज़ से चर्चा का मुद्दा बनती, विजय माल्या को ज़मानत मिल गयी.
एक सेकंड के लिए सबने सोच लिया था कि माल्या को भारत डिपोर्ट किया जाएगा, उसका मस्त वाला मीडिया ट्रायल होगा. लेकिन फिर गया अरमानों पर पानी और माल्या दोबारा लोगों पर हंसने लगा.
दुनिया ये सोच-सोच कर पागल हो रही थी कि माल्या को इतनी जल्दी ज़मानत मिल कैसे गयी? मीडिया वाले ऐसे थोड़ी बैठने वाले थे. उन्होंने माल्या की ज़मानत से जुड़ी हर बात निकाल डाली.
पता चला कि माल्या ने ज़मानत के लिए जो रक़म दी है, वो है 650,000 Pounds, यानि अपने यहां के 5 लाख 38 हज़ार रुपये.
आप तो दिवालिया थे न माल्या अंकल?
मतलब जिस इंसान के हिस्से का 9000 करोड़ रुपये का लोन हमारे बैंक ढो रहे हैं, वो आदमी 5 करोड़ रुपये देकर फ़्री हो गया. पैसे आये कहां से?
वैसे इस ज़मानत अमाउंट के साथ माल्या को अपना पासपोर्ट भी देना पड़ा है. और…
UK के नियमों के हिसाब से अपनी दूसरी पेशी तक, जो कि 17 मई को है, माल्या अपना अड्रेस नहीं बदल सकता. उसे अपना फ़ोन ऑन रखना पड़ेगा और UK की अथॉरिटी के संपर्क में भी रहना पड़ेगा. वो अपने साथ कोई और ट्रैवल डॉक्यूमेंट नहीं रख सकता.
इससे 3 Idiots का एक गाना याद आ गया:
‘जाने नहीं, देंगे तुझे… जाने तुझे देंगे नहीं…’