दिवाली सुनते ही दिमाग में जगमग करते दीये, लाइट्स और ढेर सारा सेलिब्रेशन आता है. हमारी तरह अब तमिलनाडु का एक गांव भी दिवाली मनाएगा, दरअसल इस गांव में सालों बाद अब बिजली आई है और इसी ख़ुशी में ये सभी गांववाले दिवाली मना रहे हैं. वैसे ख़ुशी से ज़्यादा ये दुःख की बात है कि आज़ादी के इतने सालों बाद भी एक गांव इतनी मूलभूत ज़रूरत से वंचित है.

ख़ैर देर आये, दुरुस्त आये. इस गांव के लोग फ़िलहाल ख़ुश हैं कि वो अपने गांव को रौशन होता हुआ देख पाएंगे. तमिलनाडु के थूमनुर गांव में अधिकतर आदिवासी रहते हैं. गांव के दो घरों और एक स्कूल में बिजली आए देखना ही यहां के लोगों के लिए दिवाली थी.

ये गांव पहाड़ी क्षेत्र में आता है और इस वक़्त यहां 40 लाख की लागत से 80 इलेक्ट्रिक पोल्स लगे हुए हैं. गांववालों के साथ उनके MLA ने भी इस ख़ुशी को नाच-गा कर सेलिब्रेट किया.

आशा है अब ये लोग भी उन सभी चीज़ों को इस्तेमाल कर पाएंगे, जिनके बारे में ये सिर्फ़ सुना करते थे. बिजली से इस गांव से तरक्की जुड़ी है और जल्द ही यहां बदलाव देखने को मिलेंगे.