दूरदर्शन पर दिखाया जाने वाला परिवार नियोजन का वो विज्ञापन तो आपको याद ही होगा, जिसका सार होता था कि ‘बच्चे दो ही अच्छे.’ आज भी परिवार नियोजन के कई विज्ञापन हमें कहीं न कहीं देखने को मिल ही जाते हैं. इन सभी विज्ञापनों का उद्देश्य लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक करना है, जिससे देश की उन्नति में उनकी भी भागीदारी दर्ज की जा सके.

पर अपने देश में एक कहावत बहुत मशहूर है कि ‘नियम और कानून बनाये ही जाते हैं तोड़ने के लिए.’ शायद इस बात को गुजरात के शादीशुदा जोड़े ने अपने दिल से कुछ इस कदर लगा लिया कि 17 बच्चों के बाद भी खुद को रुकने का मन नहीं बनाया.

ख़बरों के मुताबिक 44 वर्षीय राम सिंह और 40 वर्षीय कानू संगोट दूसरे लड़के की चाहत में कुछ ऐसे गिरफ़्तार हुए कि लगातार 16 लड़कियां पैदा होने के बाद भी नहीं रुके. आख़िरकार 17 बच्चे के बाद उनके गांव वालों को ही आगे आना पड़ा और राम सिंह को समझाने लगे कि अब बस करें.

टाइम्स ऑफ़ इंडिया की ख़बर के मुताबिक, राम सिंह के पास ज़मीन का एक छोटा-सा टुकड़ा है और उसे रोटी के लिए दूसरों के खेतों में परिवार के साथ मजदूरी करनी पड़ती है.