नेताओं के दर्शन कई नैनों को 5 साल में एक बार होते हैं…


अगले चुनाव आने से ठीक पहले. वोटर्स को रिझाने के लिए नेतागण कई हथकंडे अपनाते हैं. अब इन नेताओं को ही देख लीजिए…

Navbharat Times
Aaj Tak
Aaj Tak
Money Bhaskar
Financial Express

जनता अंधी नहीं है. वो कहते हैं न, ‘ये पब्लिक है, ये सब जानती है.’ चुनाव की सरगर्मी के बीच देश के कुछ इलाकों से ऐसी तस्वीरें आ रही हैं. 

ANI के ट्वीट के मुताबिक, मुरादाबाद के कुंदनपुर गांव की दीवारों पर ऐसे पोस्टर लगाए गए हैं. गांव के लोग चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं. गांववालों का कहना है, 

‘हम चुनाव का बहिष्कार इसीलिए कर रहे हैं क्योंकि न तो हमारे गांव में बिजली है और न ही पक्की सड़कें.’ 

ऐसे ही पोस्टर चम्पावत ज़िले में लगाए गए हैं. 

एक फ़ेसबुक पोस्ट के अनुसार,


ज़िला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर भंडारबोरा, रौ कुंवर, विलडेही, वरनौली और पाली कंजागल गांव तक सड़क नहीं पहुंच पाई है. गांव में कोई चिकित्सा केंद्र भी नहीं है.  

आज़ादी के इतने साल बाद भी देश के कई पहाड़ी, पठारी और यहां तक कि मैदानी इलाकों के गांव में न तो बिजली पहुंची है न ही सड़कें. गांववालों का ये ‘साइलेंट विद्रोह’ क्या रंग लाता है, ये देखने लायक होगा.