बीते गरुवार-शुक्रवार से अरुणाचल प्रदेश हिंसा की आग में झुलस रहा था. बीते गुरुवार को अरुणाचल प्रदेश के 18 संगठनों ने 6 समुदायों को PRC(परमानेंट रेजिडेंट सर्टिफिकेट) दिए जाने के विरोध में 24 घंटे का बंद बुलाया था. बाद में राजधानी ईटानगर में विरोध प्रदर्शन हिंसक हो उठे. इसी घटनाक्रम में उप मुख्यमंत्री के घर को जला दिया गया. उनकी गाड़ी भी जला दी गई. मुख्यमंत्री के घर की तरफ प्रदर्शनकारी बढ़ने का प्रयास कर रहे थे. दीवार लांघने की कोशिश कर रहे एक व्यक्ति पर गोली चलानी पड़ी और जिससे उसकी मौत हो गई.
अरुणाचल प्रदेश में 6 समुदायों को अनुसूचित जाति और स्थायी निवासी का दर्जा दिए जाने के लिए सरकार बिल लाने वाली थी. जिसके विरोध में ये हिंसा भड़क उठी.
ईटानगर में हुई इस हिंसा में एक्टर, डायरेक्टर सतीश कौशिक के पांच थियेटर को जला दिया गया. सतीश कौशिक भीड़ की हिंसा से बच निकलने में कामयाब हुए. इटानगर में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह हो रहा था. उन सभी को वहां से निकाल कर गुवाहाटी लाया गया. फिल्म समारोह भी स्थगित हो गया.
Itanagar was burning last night after I rchd hotel. IIFF was xld & we got held up in d hotel till now . Our 5 theatres of @PictureTime4 were burnt.heavy losses. Now crossed d border.. thx to Govt of Arunachal Pradesh for our safety @sushilsays pic.twitter.com/98xxj4QrSX
— satish kaushik (@satishkaushik2) February 23, 2019
फिर बाद में अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेमा खांडू ने कहा कि ये विधेयक नहीं लाया जाएगा. विरोध करने वाले इन 6 समुदायों को राज्य का मूल बाशिंदा नहीं मानते हैं.
समाचार एजेंसी BBC के अनुसार, प्रेमा खांडु ने कहा,
’22 फ़रवरी की रात को मैंने मीडिया तथा सोशल मीडिया के ज़रिये स्पष्ट किया था कि सरकार इस मुद्दे पर आगे चर्चा नहीं करेगी… आज भी मुख्य सचिव की मार्फ़त एक आदेश जारी किया गया है कि हम पीआरसी मामले पर आगे कार्यवाही नहीं करेंगे…’
कथित रूप से पुलिस फ़ायरिंग में कम से कम तीन लोग मारे गए हैं. राजधानी ईटानगर में कर्फ़्यू लगा दिया गया है. अर्धसैनिक बलों की तैनाती कर दी गई है. कई इलाक़ों में सेना ने फ़्लैगमार्च भी किया है.
Guwahati: Congress President Rahul Gandhi meets the injured protestors of the Arunachal Pradesh agitation at Apollo hospital. pic.twitter.com/MnRlVgnp51
— ANI (@ANI) February 26, 2019
क्या है कारण:
अरुणाचल प्रदेश पहले असम राज्य का हिस्सा था और 1987 में इसे अलग राज्य का दर्जा मिला. नए राज्य के दो ज़िलों नामसाइ और छांगलांग में दशकों से 6 ग़ैर-अरुणाचली जन-जाति के लोग रह रहे हैं. उनकी आबादी क़रीब 20-25 हज़ार है. उनके पास ज़मीन तो है क्योंकि उस पर वो दशकों से रह रहे हैं, लेकिन उनके पास पीआरसी (आवासीय प्रमाण पत्र) नहीं है जिसके कारण उन्हें कई तरह की परेशानियां होती हैं.
अरुणाचल प्रदेश की सरकार ने मई 2018 में एक संयुक्त उच्चाधिकार समिति का गठन किया था. समिति की ज़िम्मेदारी ये तय करना था कि उन ग़ैर-अरुणाचली जन-जातियों के लिए क्या रास्ता निकाला जाए. समिति ने सिफ़ारिश की थी कि ग़ैर-अरुणाचली 6 समुदायों को भी राज्य में पीआरसी दी जाए.
इसके विरोध में छात्रों और सिविल सोसाइटी समेत राज्य के कई संगठनों ने बंद का आह्वान किया था. इसके बाद विरोध प्रदर्शन होने लगे जो आगे जा के हिंसक हो गए.
#WATCH Permanent residence certificate row: Violence broke out in Itanagar during protests against state’s decision to grant permanent resident certificates to non-#ArunachalPradesh Scheduled Tribes of Namsai & Chanaglang; Deputy CM Chowna Mein’s private house also vandalised. pic.twitter.com/FrcmqWbL8c
— ANI (@ANI) February 24, 2019
हालांकि, बीते सोमवार के बाद से यहां से किसी प्रकार की हिंसा की कोई ख़बर नहीं आयी है, मगर माहौल अभी भी तनावपूर्ण बना हुआ है.