कहते हैं कि हमारी सोच ही हमें बड़ा बनाती है और हमारी सोच ही हमें छोटा भी बना देती है. इसलिये अगर सोच बड़ी हो, तो कोई छोटा काम भी बड़ा बन सकता है. इसलिये हमें अपनी सोच हमेशा अच्छी रखनी चाहिये. इस बात का बड़ा उदाहरण दिल्ली के जगदीश कुमार हैं. आज कल हर जगह NRI जगदीश की बात हो रही है. इसकी वजह है उनका टैलेंट.
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दिल्ली के जगदीश कुमार न्यूज़ीलैंड में हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री का हिस्सा थे और अच्छी-खासी कमाई भी कर रहे थे. क़रीब 15 सालों तक हॉस्पिटैलिटी का काम करने के बाद उन्होंने अपने वतन वापस लौटने का निर्णय लिया. इसके बाद वो 2018 में भारत वापस आ गये और चाय का व्यापार करने लगे. छोटे से बिज़नेस को दो साल में उन्होंने इतना बड़ा बना दिया कि उनकी सालाना इनकम 1.8 करोड़ रुपये हो गई. इसके वाला वो हर जगह ‘NRI चायवाला’ नाम से भी फ़ेमस हो गये.
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अगर आप जगदीश को एक आम चायवाला समझ रहे हैं, तो ये ग़लती मत कीजिये. उनके यहां लगभग 45 तरह की चाय बेची जाती हैं, जिसमें तरह-तरह के जड़ी-बूटियां (Herbs) भी शामिल होते हैं.
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कैसे की चाय के व्यापार की शुरुआत?
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क्या है चाय की क़ीमत?
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आपको बता दें कि कई Multinational कंपनियां जगदीश की कमाई का स्त्रोत हैं. वो असम से अलग-अलग तरह की चाय की पत्तियां मंगाते हैं. इसके बाद उन्हें अपने अनुसार मिक्स करके बनाते हैं. ‘NRI चायवाला’ ने ये क़दम पीएम मोदी के स्टार्टअप कल्चर प्रेरित होकर उठाया है. वो कहते हैं घर बैठने से अच्छा है कि सरकारी मिशन का फ़ायदा उठाकर आत्मनिर्भर बना जाये.
वैसे बंदे ने बात सौ प्रतिशत सही बोली है.