नोट बंदी के बाद जारी किये गए नए 50 रुपये के नोटों को लेकर नया विवाद सामने आया है. दरअसल, बीते शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है. याचिका के मुताबिक, दृष्टिहीन लोगों के लिए 50 रुपये के नए नोट और अन्य नोटों के बीच अंतर कर पाना काफ़ी मुश्किल हो रहा है. मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट ने आरबीआई और केंद्र से जवाब मांगा है.

अदालत में दायर की गई याचिका में कहा गया कि 50 रुपये के नये नोटों में नेत्रहीन लोगों के लिए किसी भी प्रकार का पहचान चिन्ह नहीं रखा गया है, जिससे वो मूल्यवर्ग के बीच अंतर कर सकें. वहीं अदालत ने सरकार और रिजर्व बैंक को 6 दिसबंर तक का समय देते हुए, इस पर अपना रुख़ साफ़ करने को कहा है.

कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायाधीश सी हरिशंकर की खंडपीठ ने कहा, ‘इस मामले को केंद्र सरकार और आरबीआई के तत्काल ध्यान में लाने की आवश्यकता है, क्योंकि ये सार्वजनिक महत्व का मामला है.’

वहीं कोर्ट ने 50 के नए नोटों की छपाई और वितरण पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है. बता दें कि बीते 18 अगस्त को ही 50 रुपये के नोट जारी किए गए हैं. तीन वकीलों और एक कंपनी सेक्रेटरी की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि ’50 के नए नोटों में किसी विशेष तरह के आईडेंटिफ़िकेशन मार्क की कमी के चलते दृष्टिहीनों के लिए उन नोटों में अंतर करना मुश्किल हो रहा है.’