हरिद्वार में इन दिनों कुंभ मेले की तैयारियां ज़ोरों पर हैं. इसके लिए शहर को धार्मिक रंग में रंगा जा रहा है. यहां के पुल, भवन आदि को लोक परम्परा और धार्मिक कथाओं की पेंटिंग से सजाया जा रहा है. कोरोना काल में हिंदुओं के सबसे बड़े मेले कुंभ के आयोजन पर प्रश्नचिन्ह लग गया था. लेकिन कोरोना वैक्सीन के आने की ख़बर के साथ ही प्रशासन ने इसकी तैयारियां तेज़ कर दी थीं.
1. हरिद्वार में होने जा रहे महाकुंभ मेले-2021 की तैयारियां अंतिम चरण में हैं. दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन होता है कुंभ मेला.

2. ये 12 साल में एक बार आयोजित किया जाता है. इस बार कुंभ मेला 3 महीनों का न होकर 48 दिन का होगा.

3. महाकुंभ 11 मार्च यानी शिवरात्री पर शुरू होगा और 27 अप्रैल तक चलेगा.

4. कोरोना महामारी के चलते कुंभ मेले का समय घटाया गया है. इसके लिए अधिसूचना 27 फ़रवरी को जारी होने की संभावना है.

5. प्रशासन पेंट माई सिटी कार्यक्रम के तहत शहर को हिंदू पौराणिक कथाओं की थीम पर पेंट कर रहा है.

6. अधिकारियों के मुताबिक, कुंभ मेले के लिए जो स्थाई निर्माण किया जा रहा है उसकी लागत तक़रीब 330 करोड़ रुपये है.

7. इस बार कुंभ में चार शाही स्नान होंगे.

8. पहला शाही स्नान- 11 मार्च शिवरात्रि, दूसरा शाही स्नान-12 अप्रैल सोमवती अमावस्या, तीसरा मुख्य शाही स्नान- 14 अप्रैल मेष संक्रांति और चौथा शाही स्नान-27 अप्रैल बैसाख पूर्णिमा को होगा.

9. कुंभ मेले के लिए संतों की नगरी हरिद्वार में जगह-जगह निमंत्रण संदेश लिखे गए हैं. होर्डिंग्स में इसे ईश्वरीय निमंत्रण बताया जा रहा है.

10. धार्मिक कथाओं अनुसार, सागर मंथन में निकला अमृत हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में गिरा था. इसलिए इन जगहों पर कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है.

11. कहते हैं कि कुंभ मेले में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ती होती है.

12. हर 6 साल में अर्ध कुंभ और 12 साल में महाकुंभ का आयोजन किया जाता है.

13. इस साल हरिद्वार में महाकुंभ 11 साल पर ही हो रहा है. क्योंकि इस साल ग्रहों के राजा बृहस्पति कुंभ राशि में 11वें वर्ष में ही प्रवेश कर रहे हैं.
