विजय माल्या ने किस तरह देश को करोड़ों का चूना लगाया है, ये तो आप अकसर सुनते रहते होंगे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनके अलावा भी कई लोग हैं, जो देश को करोड़ों की चपत लगा कर आराम से विदेश में अपनी ज़िन्दगी जी रहे हैं? ये हैं इंडिया के मोस्ट वांटेड भगोड़े:

1. रेशमा मेनन

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1993 में मुंबई में हुए बम धमाकों में पति टाइगर मेमन की मदद करने वाली रेशमा मेमन पहले टाइगर के साथ दुबई भाग गई, उसके बाद पाकिस्तान के कराची में रहने लगी. इंटरपोल ने उसके खिलाफ़ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है. केस की चार्जशीट के मुताबिक, टाइगर और उसके भाई याकूब (जिसे फांसी हो चुकी है) ने हॉगकॉग बैंक की बांद्रा ब्रांच के अपने NRI अकाउंट के ज़रिए अपने परिवार के 4 लोगों (जिनमें से एक रेशमा है) के लिए पैसे का इंतज़ाम कराया, ताकि ब्लास्ट करवाए जा सकें.

2. समीरा जुमानी

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अंडरवर्ल्ड डॉन अबु सलेम की पहली बीवी समीरा जुमानी मुंबई ब्लास्ट के बाद पति के साथ दुबई भाग गई. 1997 में जुमानी के खिलाफ़ लखनऊ से सबीना आज़मी के नाम पर नकली पासपोर्ट का केस दर्ज किया गया. यह पासपोर्ट जुलाई 1993 में ही बनवाया गया था, उसी समय सलेम ने भी अकील अहमद आज़मी के नाम से नकली पासपोर्ट बनवाया था. CBI ने दावा किया था कि समीरा के पास सलेम के मुंबई ब्लास्ट में शामिल होने से जुड़ी कई अहम जानकारियां मौजूद हैं. साथ ही खुद जुमानी पर भी वसूली, अपहरण और हत्या जैसे कई मामलों में शामिल होने का शक है. जुमानी के खिलाफ़ इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जा चुका है. वह पिछले कई सालों से अमेरिका में रह रही है.

3. छोटा शकील

दाऊद इब्राहिम का दायां हाथ छोटा शकील दक्षिण एशियाई देशों दाऊद के ग़ैरक़ानूनी धंधे चलाता है. वो दाऊद का इतना ख़ास है कि उसका उत्तराधिकारी तक माना जा रहा है. सितंबर 2000 में शकील ने छोटा राजन पर हमले की योजना बनाने की बात कबूली थी. 2001 में उसने हिंदी फ़िल्मों में पैसा लगाने की बात भी मानी थी. जुलाई 2015 में सीनियर ऐडवोकेट राम जेठमलानी ने यह कहकर तहलका मचा दिया था कि मुंबई ब्लास्ट के तुरंत बाद दाऊद और छोटा शकील सरेंडर करने के लिए तैयार थे, लेकिन महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री शरद पवार ने यह पेशकश ठुकरा दी थी.

4. टाइगर मेमन

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मुंबई ब्लास्ट का मुख्य आरोपी इब्राहिम मुश्ताक अब्दुल रज्ज़ाक नादिम मेमन उर्फ़ टाइगर मेमन इंटरपोल और CBI दोनों की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में शामिल है. CBI के मुताबिक, टाइगर और उसके भाई दुबई में दाऊद के भाई अनीस इब्राहिम के साथ मिलकर कंस्ट्रक्शन बिज़नेस और कुछ दुकानें चला रहे हैं. पाकिस्तानी खूफ़िया एजेंसी ISI द्वारा कथित रूप से पाकिस्तानी आइडेंटिटी दिए जाने के बाद से वो कराची भी आता-जाता रहता है.

5. अनीस इब्राहिम

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दाऊद इब्राहिम का छोटा भाई शेख़ अनीस इब्राहिम खासकर उसका सबसे भरोसेमंद आदमी भी है. वो दुबई में अपने भाई की डी-कंपनी का बिज़नेस चलाने में मदद करता है. वो ड्रग्स की तस्करी, वसूली, कॉन्ट्रैक्ट किलिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के काले धंधों में भी शामिल है. साथ ही उस पर मुंबई धमाकों में भी लिप्त होने का आरोप है. 2009 में गैंगवॉर में उसको गोली लगी थी, तबसे उसके बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं है.

6. ललित मोदी

बिज़नेसमैन और IPL के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी यूपीए सरकार के दौरान 2010 में देश से भाग निकले थे. ललित मोदी राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. 2010 में उन्होंने IPL की कोच्चि फ्रेंचाइज़ी में शेयर हिस्सेदारी को लेकर सवाल खड़े किए थे, जिसके चलते काफ़ी विवाद हुआ था और कांग्रेसी नेता शशि थरूर को मंत्री पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा था. इसके बाद 2010 में BCCI ने गबन के आरोप में उन्हें बोर्ड से बाहर का रास्ता दिखा दिया था. मोदी ने बोर्ड के फ़ैसले के खिलाफ़ हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया और जान का खतरा बताकर भारत छोड़ दिया और लंदन में जा बसे. इंटरपोल ने उनके खिलाफ़ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया है. मोदी मनी लॉन्ड्रिंग समेत 15 मामलों के चलते वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल हैं.

7. दाऊद इब्राहिम

अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए संयुक्त अरब अमीरात सरकार ने उसकी 15 हज़ार करोड़ रुपये की संपत्ति ज़ब्त कर ली है. डी-कंपनी का मुखिया दाऊद, 1993 के मुंबई धमाकों का मास्टरमाइंड माना जाता है. बेटिंग, ड्रग्स और हथियारों की तस्करी तक उसका गैंग हर काले धंधे में शामिल है. सीरियल ब्लास्ट के वक़्त वो भारत में नहीं था और उसके बाद वो कभी भारत लौटा भी नहीं. वो अपने परिवार और कुछ करीबियों के साथ कराची चला गया. उसके पास पाकिस्तानी पासपोर्ट है. अक्टूबर 2003 में यूएस ट्रेज़री डिपार्टमेंट ने दाऊद पर ग्लोबल टेररिस्ट का ठप्पा लगा दिया था. जून 2006 में यूएस ने दाऊद और उसके गिरोह को मादक पदार्थों का एक अहम तस्कर घोषित किया था.

8. रवि शंकरन

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नेवी वॉर रूम लीक मामले का मुख्य आरोपी रवि शंकरन CBI से बचकर यूके भाग गया. अक्टूबर 2005 के नेवी वॉर के दौरान शंकरन पर इंडियन वॉर रूम की गुप्त जानकारी आर्म डीलर्स को लीक करने का आरोप लगा था. इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस के बाद शंकरन ने लंदन में 2010 में सरेंडर कर दिया था. उसने मुकदमे का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित किए जाने के आदेश के खिलाफ़ ब्रिटेन में एक अपील दायर की थी. जून 2015 में भारत के प्रयासों को उस समय झटका लगा, जब एक शीर्ष ब्रिटिश अदालत ने रवि शंकरन के प्रत्यर्पण की भारत की मांग खारिज कर दी.

9. टाइगर हनीफ़

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दाऊद का सहयोगी टाइगर हनीफ़ बाबरी विध्वंस कांड के बाद सूरत में 1993 में हुए 2 बम धमाकों के सिलसिले में वॉन्टेड है. ब्लास्ट के तुरंत बाद वो यूके भाग गया था और तबसे वहीं है. अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम के कथित सहयोगी 55 वर्षीय हनीफ़ के मार्च 2010 में ग्रेटर मैनचेस्टर की एक दुकान में होने का पता चला था और उसे वहीं से गिरफ्तार भी कर लिया गया था.

10. विजय माल्या

माल्या पर 17 भारतीय बैंकों से 9 हज़ार करोड़ से ज़्यादा का क़र्ज़ लेने का आरोप है. माल्या को भारत सरकार की ओर से भगोड़ा घोषित किया जा चुका है. मशहूर कारोबारी और खेलों के शौकीन माल्या अपनी रईसी और चमक-दमक वाली ज़िन्दगी के लिए जाने जाते हैं. लिकर किंग के नाम से मशहूर विजय माल्या की कहानी पूरी तरह फ़िल्मी है. माल्या ने जब किंगफिशर एयरलाइंस शुरु की तो खूब पैसे उड़ाए.