बच्चों को स्कूलों में सिर्फ़ साफ़ पानी मुहैया करवाना ही पर्याप्त नहीं, उन्हें वक़्त पर पानी पिलाना भी ज़रूरी है. बच्चे खेल-कूद, पढ़ाई में मग्न रहते हैं और अक़सर खाने-पीने का ध्यान नहीं रखते. सरकार ने खाने की समस्या से निपटने के लिए मीड डे मील तो शूरू कर दिए पर पानी पिलाने के लिए क्या किया जाए? पानी की कमी से बच्चे अक़्सर डिहाईड्रेशन का शिकार होते हैं.
केरल की तर्ज पर ही कर्नाटक, तमिलनाडु और अब तेलंगाना के स्कूलों में भी Water Bell बजाई जाएगी. कर्नाटक के Uppinangady स्थित इंद्रप्रस्थ विद्यालय, Water Bell बजाने वाला पहला स्कूल है. ये निर्णय पेरैंट्स की शिकायत के बाद लिया गया. पेरैंट्स ने शिकायत की थी कि बच्चे पानी की बोतल ले जाते हैं पर पानी नहीं पीते.
एक रिपोर्ट के मुताबिक़, बीते गुरुवार को तेलंगाना के शिक्षा मंत्री पी.सबिथा इंद्रा रेड्डी ने सभी District Educational Officers (DEOs) को Water Bell लागू करने को कहा.
लड़कियां ज़्यादा डिहाईड्रेशन का शिकार होती हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक़, स्कूल की कई लड़कियां टॉयलेट जाने से बचने के लिए कम पानी पीती हैं.
ये निर्णय देश के सभी स्कूलों को लागू करना चाहिए.