स्कूल में अर्थशास्त्र के शिक्षक ने ये बात बताई थी:
‘अमीर और अमीर, ग़रीब और ग़रीब होते जा रहे हैं.’
आज के समय में ये सच भी साबित हो रहा है. Oxfam की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2018 में भारतीय अरबपतियों को रोज़ाना 2200 हज़ार करोड़ा का मुनाफ़ा हुआ.
विश्वस्तर पर अमीरों को रोज़ाना 12 प्रतिशत या 2.5 बिलियन डॉलर का मुनाफ़ा हुआ. वहीं दूसरी तरफ़ दुनिया के ग़रीबों की आय में 11 प्रतिशत की गिरावट हुई.
भारत में पिछले साल 18 करोड़पति और जुड़े. भारतीय करोड़पतियों की कुल आय 400 बिलियन डॉलर से ज़्यादा है. भारत के 9 अरबपतियों की आय भारत के 50 प्रतिशत ग़रीबों की आय के बराबर है.
Oxfam की रिपोर्ट के अनुसार 2004 में जो 13.6 करोड़ भारतीय कर्ज़ में डूबे थे वे आज भी कर्ज़ में डूबे हैं. Oxfam ने डावोस में हो रहे विश्व के नेताओं और अमीरों की बैठक में अमीरों और ग़रीबों के बीच की खाई दूर करने के लिए उचित कदम उठाने का भी आग्रह किया.
Oxfam की रिपोर्ट ये भी कहती है कि विश्व के 26 अमीरों की आय विश्व के 3.8 मिलियन लोगों की आय के बराबर है. Amazon के फ़ाउंडर जेफ़ बेज़ोस की आय का एक प्रतिशत हिस्सा इथियोपिया के 115 मिलियन लोगों के हेल्थ बजट के बराबर है.
Top 5 of Anything के मुताबिक, दुनिया के सबसे ज़्यादा कुपोषित भारत में ही हैं. WHO के अनुसार, आने वाले समय में दुनिया में भूखे और कुपोषित लोगों की संख्या बढ़ेगी.
विश्वस्तर पर ग़रीबों और अमीरों के बीच की खाई कम होती नहीं दिख रही है.