पश्चिम बंगाल की तत्कालीन मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी के पैर पर लगी चोट का मज़ाक उड़ाते हुए BJP बंगाल चीफ़, दिलीप घोष मर्यादा की सीमा लांघ गये. The Indian Express की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, घोष ने बीते सोमवार को एक चुनावी रैली का संबोधन करते हुए कहा, 

‘अगर पैर बाहर की निकाल कर रखना है तो साड़ी क्यों, बरमूडा भी पहन सकती हैं, ऐसा करने से साफ़ तौर पर पैर दिखाई देगा.’ 

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पुरूलिया में एक रैली को संबोधित करते हुए घोष ने कहा कि प्लास्टर कट चुका है और एक क्रेप बैंडेज लगाया गया है. अब वो अपना पैर सबको दिखाकर घूम रही है. साड़ी पहनी है लेकिन पैर दिखाया जा रहा है. घोष ने बेहूदा टिप्पणी जारी रखते हुए कहा कि इस तरह साड़ी पहने हुए उन्होंने किसी को नहीं देखा है. अगर कोई पैर दिखाना चाहता है तो साड़ी क्यों पहनी है, बरमूडा पहने ताकी सबको अच्छे से पैर दिखाई दे.


तृणमूल कांग्रेस के कई लीडर्स ने घोष के इस शर्मनाक टिप्पणी पर तीखी टिप्पणियां की. सांसद महुआ मोइत्रा समेत कई लीडर्स ने ट्विटर पर ग़ुस्सा जताया.   

Money Control की एक रिपोर्ट के मुताबिक, BJP प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि घोष के बयान पर कॉन्ट्रोवर्सी (Controversy) करने की ज़रूरत नहीं है. ऐसे बयान को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए. भट्टाचार्य ने ये भी कहा कि ये बाद दिमाग़ में रखनी चाहिये कि घोष एक उदार व्यक्ति हैं. रैली में ऐसी बात को गंभीरता से न लेकर चुनाव मीटिंग्स में कही उनकी बातों को गंभीरता से लेना चाहिए. 

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ममता बैनर्जी नंदीग्राम में कैंपेनिंग के दौरान ज़ख़्मी हो गई थीं. तृणमूल कांग्रेस का दावा है कि ममता बैनर्जी के ऊपर जानलेवा हमला हुआ था. हालांकि इलेक्शन कमिशन ने इसे एक्सीडेंट ही माना.

ज़ख़्मी होने के बावजूद, बैनर्जी ने व्हीलचेयर में ही कैंपेनिंग जारी रखी. हर रैली में बैनर्जी ने अपनी चोट की बात कही और ये दावा किया कि उनके ज़ख़्म दर्दनाक है लेकिन वो नहीं रुकेंगी. वहीं BJP का दावा है कि बैनर्जी सिम्पैथी वोट्स (Sympathy Votes) के लिये ऐसा कर रही हैं.