DU की स्टूडेंट गुरमेहर कौर के ‘I Am Not Afraid of ABVP’ कैंपेन पर उठा बवाल अभी शांत नहीं हुआ कि एक और ख़ुलासा हो गया. ये ख़ुलासा किया है गुरमेहर की दोस्त और उसके साथ लेडी श्री राम कॉलेज में पढ़ने वाली स्टूडेंट उर्वी सिंह ने.

21 फरवरी को रामजस कॉलेज में ABVP के हंगामे के विरोध में आये गुरमेहर के वीडियो पर जम कर राजनीती हुई, किसी ने उसे देश-विरोधी कहा, तो किसी ने उसकी साइड ली. बहुत से लोगों के बयान आये और बहुत सी भावनाएं आहत हुईं.

लेकिन इस बार जो ख़ुलासा गुरमेहर की दोस्त ने किया है, वो उसके कैंपेन का विरोध और सपोर्ट कर रहे, दोनों तरह के लोगों के लिए जानना ज़रूरी है.

असल में गुरमेहर के AVBP कैंपेन की शुरुआत कैसे हुई.

उर्वी ने ही गुरमेहर की फ़ोटो उस कैंपेन के लिए खींची थी और इस कैंपेन का कोई भी राजनीतिक मकसद नहीं था.

हम दोनों एक रात रामजस में हुई घटना के बारे में डिस्कशन कर रहे थे और गुरमेहर ने कहा कि हमें इस बारे में कुछ करना चाहिए. उस वक़्त उसके दिमाग़ में सिर्फ़ अपनी यूनिवर्सिटी में हुई घटना के बारे में स्टैंड लेने का ख्याल था. उसने मेरे सामने ही ये आईडिया डिस्कस किया और मैंने ही इस कैंपेन के लिए उसकी तस्वीर ली थी. हमें बिलकुल भी अंदाज़ा नहीं था कि हमारी ये पहल ऐसा रुख़ ले लेगी.

उर्वी ने एक और ज़रूरी बात बतायी जिस पर इस पूरे मामले में ख़ूब राजनीति हुई थी. उसने बताया कि गुरमेहर ने इस पूरे कैंपेन और अपने पिछले वीडियो में भी कहीं पर अपने पिता के शहीद होने के ‘फैक्टर’ को इस्तेमाल नहीं किया था. इसे मामला बनाया मीडिया ने.

उसने कभी अपने वीडियो का ज़िक्र नहीं किया. उस साल भर पुराने वीडियो को उखाड़ने का काम मीडिया ने किया था. उसने इस कैंपेन की शुरुवात ऐसे नहीं की थी कि वो एक शहीद की बेटी है. लेकिन दुनिया को ये ही लगता है कि वो एक शहीद की बेटी होने के फैक्टर को भुना रही थी.

मैं दोबारा कहूंगी कि उसने ये कैंपेन एक स्टूडेंट होने के नाते बाक़ी स्टूडेंट्स के हक के लिए शुरू किया था. बस!

उर्वी सिंह का फेसबुक पोस्ट, जिसमें उसने पूरी बता कही, अफ़सोस वो हटा लिया गया. 

ये अच्छा है कि उर्वी ने राजनीति का खिलौना बन रहे इस मुद्दे की सच्चाई दिखाने की कोशिश की है, लेकिन कई लोग हैं जो इससे इतर भी सोचते हैं.