1 सितंबर 2019 से भारत की सड़कों पर नए ट्रैफ़िक नियम लागू हो गए. नए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत ट्रैफ़िक नियम तोड़ने के फ़ाइन कई गुना ज़्यादा कर दिए गए. पहले दिन से ही रिकॉर्ड तोड़ चालानों की ख़बरें आने लगी.


19 सितंबर को दिल्ली में UFTA(United Front of Transport Association) ने बस, ऑटो, ट्रकों की स्ट्राइक की.  

Patrika

बीते गुरुवार को केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बयान दिया कि नए ट्रैफ़िक नियम लाने का पीछे का मक़सद राजस्व बढ़ाना या ‘गंदी राजनीति’ करना नहीं है. 

ये राजनीति की नहीं, मासूम ज़िन्दगियों का सवाल है. हर साल देश में देढ़ लाख लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत होती है. सड़क दुर्घटना में सबसे ज़्यादा 18-35 आयु वर्ग के लोगों की मृत्यु होती है. इससे GDP में 2 प्रतिशत की गिरावट हुई. जिन्होंने अपने बच्चों को सड़क दुर्घटनाओं में खोया क्या उनकी प्रति हमारी कोई ज़िम्मेदारी नहीं. ये फ़ाइन 30 साल पहले ही आ गए थे. 

-नितिन गडकरी

Hindustan Times

नितिन गडकरी ने ये भी कहा कि 20 राज्यों के ट्रांसपोर्ट मंत्रियों ने नए ट्रैफ़िक नियमों का समर्थन किया. ये नियम काफ़ी चर्चा, विचार-विमर्श के बाद लागू किए गए. 

आज 100 रुपए की क़ीमत ही क्या है? ये जुर्माने राज्य सरकारों के पास ही जा रहे हैं, केन्द्रीय सरकार के पास नहीं. ये नियम राजस्व बढ़ाने के लिए नहीं बल्कि इसलिए लाए गए ताकी लोग नियम तोड़ने से कतराएं. 

-नितिन गडकरी

Kalinga TV

गडकरी ने ये जानकारी भी दी कि नए नियम लागू होने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस और पॉल्यूशन सर्टिफ़िकेट के आवेदनों में इज़ाफ़ा हुआ है. 

हमें जो डेटा मिला है उसके मुताबिक़ कई राज्यों में पॉल्यूशन सर्टिफ़िकेट के आवेदनों में 300% का इज़ाफ़ा हुआ है. लोगों में ड्राइविंग लाइसेंस लेने की होड़ लग गई है. मेरी भी गाड़ी पर ओवरस्पीडिंग के लिए चालान कटा. किसी को नहीं छोड़ा जाएगा.

-नितिन गडकरी

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