Suspend And Dismiss Difference: साल 2022 में कार्य के प्रति लापरवाही और अनुशासनहीनता बरतने पर योगी सरकार ने 2008 बैच की आईपीएस अधिकारी अलंकृता सिंह को शासन से निलंबित कर दिया था. एसपी अलंकृता सिंह महिला व बाल सुरक्षा संगठन (1090) के पद पर तैनात थीं. इस दौरान बताया गया कि वो 20 अक्टूबर 2021 से अपने दफ़्तर से बिना अधिकृत सूचना के विदेश (लंदन) दौरे पर हैं. बिना अवकाश स्वीकृत कराये कार्यस्थल से अनुपस्थित रहने और बिना शासकीय अनुमति के विदेश यात्रा पर जाने का दोषी पाये जाने पर अलंकृता सिंह को ‘निलंबित’ कर दिया गया था.

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आप में से अधिकतर लोग अक्सर टीवी और न्यूज़ पेपरों में ‘निलंबित और बर्ख़ास्त’ शब्द सुनते और पढ़ते होंगे. क्या आप इनका असल मतलब जानते हैं? जवाब होगा शायद नहीं! ये शुद्ध हिंदी के दो ऐसे शब्द हैं जिनके बीच के अंतर को लोग अक्सर समझ नहीं पाते हैं. अगर आप अंग्रेज़ी में इनका मतलब जानते हैं तो आपको थोड़ा बहुत इसकी जानकारी हो सकती है. लेकिन हिंदी में लोग इन्हें लेकर हमेशा कंफ्यूज़न में रहते हैं. आपको इसके बारे में ज़्यादा चिंता करने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि आज हम आपको हिंदी के इन दोनों ही शब्दों का असल मतलब बताने जा रहे हैं.

Suspend And Dismiss Difference

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दरअसल, सरकारी नौकरी में दो तरह के मुख्य दंड होते हैं. पहला- लघु दंड या माइनर पेनाल्टी, जबकि दूसरा- दीर्घ दंड या मेजर पेनाल्टी. निलंबन और बर्ख़ास्त (Suspend And Dismiss Difference) इन्हीं दोनों दंडों (Punishment) को परिभाषित करते हैं.

क्या होता है निलंबित करना?

निलंबन या निलंबित को अंग्रेज़ी में ‘Suspend’ कहा जाता है. निलंबित करने का मतलब किसी कर्मचारी को सस्पेंड करना होता है. अगर किसी कर्मचारी को उसके विभाग द्वारा निलंबित (Suspend) किया जाता है तो इसका मतलब होता है कर्मचारी एक निश्चित समय तक ऑफ़िस में काम नहीं करेगा. विभाग द्वारा तय समय सीमा ख़त्म होने के बाद कर्मचारी पहले की तरह अपनी नौकरी पर लौट जायेगा. आप किसी भी कर्मचारी को लंबे वक़्त के लिए सस्पेंड नहीं कर सकते, लेकिन इस दौरान उस पर लगे आरोपों की जांच होती है.

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क्या निलंबन के दौरान सैलरी मिलती है?

अगर किसी कर्मचारी को निलंबित (Suspend) किया जाता है तो इस दौरान उसे सैलरी का आधा हिस्सा और महंगाई भत्ता मिलता है. हालांकि,नौकरी पर वापस लौटने के बाद कर्मचारी को उसकी पूरी सैलरी मिल जाती है और वो पहले की तरह अपनी पोस्ट पर नौकरी कर सकता है. ये एक तरह का ऑफ़िशियल दंड है जो कर्मचारी को उसके बड़े अधिकारी द्वारा दिया जाता है.

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अगर किसी कर्मचारी ने ऑफ़िस में रहते हुये कोई बड़ा अपराध किया है, तो इस पर लंबी जांच चलती है. इसके बाद ही कर्मचारी के भविष्य पर कोई फ़ैसला लिया जाता है. इस दौरान अगर कर्मचारी दोषी पाया जाता है तो बर्ख़ास्त कर दिया जाता है. अंग्रेजी में बर्ख़ास्त को Terminate’ या ‘Dismiss’ भी कहा जाता है.

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क्या होता है बर्ख़ास्त करना? 

ये निलंबन का अगला चरण है. अगर कोई कर्मचारी जांच में दोषी पाया जाता है तो उसे बर्ख़ास्त (Terminate) कर दिया जाता है. बर्ख़ास्त (Dismiss) करने का मतलब किसी कर्मचारी को हमेशा के लिए उसकी नौकरी से निकाल देना होता है. बर्ख़ास्त का अधिकार विभाग के सर्वोच्च अधिकारी के पास होता है. अगर किसी सरकारी कर्मचारी को उसका विभाग नौकरी से बर्ख़ास्त करता है तो वो शख़्स भविष्य में सरकारी नौकरी के लिए अप्लाई भी नहीं कर सकता है. इसके अलावा वो चुनाव भी नहीं लड़ सकता है. 

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क्या बर्ख़ास्त होने पर सैलरी मिलती है?

इसका जवाब है नहीं! अगर किसी सरकारी कर्मचारी को उसका विभाग नौकरी से बर्ख़ास्त करता है तो इस दौरान उसे सैलरी या कोई भी भत्ता नहीं मिलता है. इस स्थिति में PF भी नहीं मिलता है, कर्मचारी को केवल ग्रेजुएटी ही मिलती है.

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क्यों अब तो नहीं है न ‘निलंबित और बर्ख़ास्त’ को लेकर कोई कंफ्यूज़न?