इन तस्वीरों को आप ढंग से देख सकते हैं और अंदाज़ा लगा सकते हैं कि चंद Likes और TRP के लिए भारतीय मीडिया किस हद तक जा सकती है. भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव इस वक़्त अपने चरम पर है और इस वक़्त जिस साहस से भारतीय सेना अपना काम कर रही है, वो काबिलेतारीफ़ है. हालांकि आप ये बात भारतीय मीडिया चैनल्स के लिए नहीं कह सकते.
कल पाकिस्तान एयर फ़ोर्स के कुछ विमानों ने भारतीय ज़मीन पर हमले किये, इनका जवाब देते हुए भारतीय जहाज़ भी आगे आये और इसी दौरान एक भारतीय एयर फ़ोर्स के फ़ौजी का जहाज़ पाकिस्तान की सीमा में जा पहुंचा. शाम तक पाकिस्तान की तरफ़ से ख़बरें और वीडियो आने लगे कि एक भारतीय पायलट उनके पास है. जो वीडियो शेयर की जाने लगी, उनमें पायलट से उसके बारे में जानकारी मांगे जाने पर उसने साफ़ इंकार कर दिया. उसने सिर्फ़ अपना नाम, रैंक और कमांड बताई क्योंकि वो ‘इस तरह की स्थिति’ में फ़ौज के कुछ नियम जानता था.
लेकिन भारतीय मीडिया ने क्या किया, ये आप इस एक ट्वीट से समझ सकते हैं:
Pak: Where exactly are you from in India?#Abhinandan: I am not supposed to tell u this.
— Vigilante (@vigil_nte) February 27, 2019
Indian Media: Hum is waqt Chennai m Abhinandan k ghar se report kar rahe hai. Bataya jaa raha hai ki ghar m unke Mata Pita aur uni patni rehte hai. Unke Pitaji Rtd Air Marshall h
Pak: Thanks
महज़ Likes और Clicks के लिए इन्होंने न सिर्फ़ पायलट का नाम, बल्कि उनके पिता ने किस फ़िल्म में क्या काम किया था, उनकी पत्नी कौन है, उनके कितने बच्चे हैं, ये सब सब पता कर लिया और दनादन छाप भी दिया.
ट्विटर पर कल से ही पाकिस्तान के कई यूज़र्स ने पायलट के वीडियोज़ शेयर किए. पायलट को सरकार ने ‘युद्ध बंधी’ घोषित नहीं किया पर हमारी मीडिया ने कोई कसर नहीं छोड़ी ये साबित करने के लिए कि युद्ध का माहौल है और पायलट युद्ध बंधी है. वीडियोज़ में पायलट ने अपने नाम और रैंक के अलावा कुछ भी नहीं बताया, पर हमारे यहां के कई मीडिया हाउस वो ‘न बताई गई’ जानकारी ले आए और हमारे कई देशवासियों ने उसे शेयर भी किया. सीधे-सादे शब्दों में नहीं कहा, पर ऐसे टिकर्स और क्या साबित कर रहे हैं, सोचिए?
यही नहीं, लाखों Likes वाले कुछ Pages ने तो पायलट को ‘हीरो’ घोषित कर दिया. बेशक़ भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना का एक-एक सिपाही हीरो है पर मुसीबत में घिरे पायलट के लिए ‘वीर सपूत’, ‘सच्ची क़ुर्बानी’ आदि शब्द का इस्तेमाल जायज़ नहीं है.
ट्विटर पर पाकिस्तान के कुछ लोग ख़ून में लथपथ पायलट का मज़ाक उड़ा रहे थे और वही वीडियो को हमारे देश के कुछ लोग अलग कैप्शन के साथ शेयर कर रहे थे. कोई ये नहीं सोच रहा था कि पायलट के परिवार पर, उनके अपनों पर इन हरकतों का क्या असर पड़ेगा.
मीडिया वाले पायलट के घरवालों पर लेख लिख रहे थे और लाखों लोग धड़ल्ले से उसे Like, Share कर रहे थे, अभी भी कर रहे होंगे. कई पब्लिशिंग समूहों ने तो सबसे आगे बढ़कर पायलट के पिता से बात भी कर ली. Feel ज़्यादा आएगी इसलिए TV9 के एंकर ने वर्दी पहनकर बंदूक पकड़कर बुलेटिन पढ़ी, पर हैरतअंगेज़ बात ये है कि इससे दर्शकों को आपत्ति नहीं हुई. वो एंकर भाड़े की वर्दी पहन कर टीवी पर शो कर रहा था, क्या वो किसी फ़ौजी के बराबर था? इससे लोगों को आपत्ति क्यों नहीं हुई? अक्षय कुमार ने अपनी एक फ़िल्म के प्रमोशन के दौरान कुछ ऐसी ही ग़लती की थी और पूरी मीडिया ने उसे ग़लत ठहरा दिया था. उस वक़्त जो संवेदना थी, वो अब क्यों है? जवाब आप अच्छे से जानते हैं.
पिछले सबक से कुछ नहीं सीखा
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि मीडिया ने TRP बढ़ाने के चक्कर में पत्रकारिता के मूल्यों का यूं हनन किया हो. इससे पहले 26/11 के ताज हमले में भी भारतीय मीडिया अपनी अपरिपक्वता का प्रमाण दे चुकी है. किस तरह ताज के सामने मीडिया वाले कैमरे और माइक लेकर खड़े थे.
TOI की इस रिपोर्ट के अनुसार,
कोर्ट ने मीडिया को खरी-खरी सुनाते हुए कहा था कि सीमा पार बैठे आतंकवादियों के साथियों को भारतीय चैनल्स के सहारे यहां के हालात का पता चला था. भारतीय पुलिसवालों की मृत्यु की ख़बर भी टीवी चैनल्स से ही मिली थी. आतंकवादियों के साथियों ने सीमा पार से अहम जानकारी उन्हीं की ब्रेकिंग न्यूज़ की बदौलत पहुंचाई थी.
ऐसी ही शर्मनाक हरकत मीडिया चैनल्स ने अभिनेत्री श्रीदेवी की मृत्यु के वक़्त की थी. जब एक रिपोर्टर, रिपोर्टिंग ने नाम पर बाथटब में लेट गया था.
इस बार भी भारतीय मीडिया यही करने पर आमादा है. हालांकि कुछ मीडिया हाउस ने आधिकारिक तौर पर ये कहा है कि बिना किसी आधिकारिक पुष्टि के वो कुछ नहीं दिखाएंगे.
We are slowing down the news updates at @MirrorNow to carry only what is confirmed. Our viewers may find us slower than the others today.
— Faye DSouza (@fayedsouza) February 27, 2019
पाकिस्तान के एक अख़बार ‘The News’ ने भारतीय मीडिया का हवाला देते हुए पायलट के पिता के फ़िल्म में काम करने की जानकारी छापी है.
इस वक़्त भारतीय मीडिया को क्या करना चाहिए था, उसे आप The Bihar Mail वेबसाइट के इस लेख से समझ सकते हैं:
सवाल कई हैं, पर मुख़्य सवाल ये है कि जब सरकार ने कुछ नहीं कहा, तो हमारी मीडिया इतनी कुंठित क्यों है? क्या यही है देशभक्ति कि जो जानकारी बंदी बनाया गया पायलट छिपा रहा है, वो सारी जानकारी न्यूज़ रिपोर्टिंग के नाम पर मीडिया ने ज़ाहिर कर दी?