Gitanjali Aiyar Death : दूरदर्शन पर भारत की पहली अंग्रेज़ी समाचार पढ़ने वाली एंकर गीतांजलि अय्यर (Gitanjali Aiyar) का 07 जून 2023 यानि बीते बुधवार को 71 की उम्र में निधन हो गया है. ये फ़ेमस एंकर पार्किन्सन बीमारी से काफ़ी लंबे समय से जूझ रही थीं और बाहर टहलकर घर लौटने के बाद अचानक से ज़मीन पर गिर पड़ीं. उनके साथ ही उस समय का एक और अध्याय बंद हो गया है, जब एंकर अपने दृष्टिकोण के विपरीत समाचारों को वैसे ही प्रस्तुत करते थे जैसे वो थे.

गीतांजलि अय्यर के निधन के बाद पूरे देश में शोक की लहर है. कई राजनेता से लेकर नामी हस्तियां उनके निधन पर शोक व्यक्त कर रहे हैं. आइए आपको गीतांजलि अय्यर को और क़रीब से जानने के लिए उनकी ज़िन्दगी और करियर के बारे में थोड़ा विस्तार से बता देते हैं.

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गीतांजलि अय्यर की शुरुआती ज़िन्दगी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनका जन्म 29 जनवरी 1947 को हुआ था. उन्होंने कोलकाता के लोरेटो कॉलेज से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया था. प्राइम टाइम इंग्लिश न्यूज़ एंकर गीतांजलि के पास दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा की डिप्लोमा डिग्री भी है. अपनी ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो ज्वाइन किया और एक शो ‘ए डेट विद यू’ प्रेज़ेंट किया, जिसमें वो शुक्रवार की शाम को अंग्रेज़ी गानों की रिक्वेस्ट भी लिया करती थीं.

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बचपन से ही था न्यूज़ एंकर बनने का सपना

बचपन से ही गीतांजलि को न्यूज़ पढ़ने में दिलचस्पी थी. उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में बताया था, “जब भी न्यूज़ पढ़ी जाती थी या फिर रेडियो पर न्यूज़ रीडर कहते थे, ‘ये ख़बर बरुन हवलदार द्वारा पढ़ी जा रही है’, हम सब बिल्कुल शांत हो जाते थे. मैं शब्दों के उच्चारण पर गौर करती थी. इसी से मुझे वाद-विवाद, भाषण और प्रतियोगिता में हिस्सा लेने की प्रेरणा मिली थी. जिस दिन मैंने कॉलेज की पढ़ाई ख़त्म की, मैंने दूरदर्शन ज्वाइन कर लिया.”

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दूरदर्शन में कुछ ऐसे शुरू हुआ सफ़र

उन्होंने 1971 में दूरदर्शन पर ख़बर पढ़ने का काम शुरू किया था. वो 2002 तक DD के साथ बनी रहीं. उन्हें बेस्ट एंकर का अवार्ड चार बार मिला था और 1989 में उन्हें इंदिरा गांधी प्रियदर्शिनी अवार्ड फॉर आउटस्टैंडिंग वीमेन भी मिला था. उनकी LinkedIn प्रोफ़ाइल के मुताबिक, वो इसके बाद कॉरपोरेट कम्युनिकेशन और सेल्स में चली गई. कॉनफ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन इंडस्ट्री में वो कन्सल्टेंट थी. इसके बाद अय्यर ने WWF के Major Donors के प्रमुख की कुर्सी संभाली.

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बतौर एंकर काफ़ी फ़ेस करनी पड़ी थीं मुश्किलें

अय्यर को बतौर न्यूज़ एंकर काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था, “हमारे पास टेलीप्रोमप्टर नहीं होते थे. कोई होता था जो मैनुअल तरीक़े से हमारी स्क्रिप्ट रोल करता है. रीडिंग के समय एक साथ कैमरे की तरफ़ देखना और नीचे देखना काफ़ी मुश्किल हो जाता था. हमें भी हर समय चुस्त रहना पड़ता था क्योंकि कैमरे के पास खड़ा एक व्यक्ति अचानक इशारा करेगा और आपको उचित के आधार पर तेज़ या धीमी गति से पढ़ने के लिए कहेगा.”

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गीतांजलि अय्यर की फ़ैमिली

गीतांजलि अय्यर के दो बच्चे- बेटी पल्लवी और बेटा शेखर हैं. उनकी बेटी पल्लवी भी एक अवार्ड विनिंग जर्नलिस्ट हैं.

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हम गीतांजलि अय्यर की आत्मा की शान्ति के लिए कामना करते हैं.