एक पखवाड़े यानी 14 दिन पहले जम्मू-कश्मीर के पुलवामा पर आत्मघाती आतंकी हमला हुआ था, जिसमें सीआरपीएफ़ के 40 जवान शहीद हो गए थे. इन जवानों में शहीद हुए एक जवान थे, बबलू संतरा, जो पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले के बौरिया के निवासी थे. बीते मंगलवार को पुलवामा अटैक पर जवाबी कार्यवाई करते हुए इंडियन एयर फ़ोर्स ने LoC पार जाकर एयर स्ट्राइक की, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी ठिकानों का ख़ात्मा होने की पुष्टि की जा रही है.

जहां पूरा देश और ज़्यादातर शहीदों के परिवारवाले सरकार से न्याय मांग रहे हैं, वहीं सीआरपीएफ के शहीद बबलू संतरा की पत्नी मीता संतरा ने बीते मंगलवार को ही भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान पर की गई एयर स्ट्राइक पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया. TOI के अनुसार, अपने बयां में उन्होंने कहा कि सरकार पुलवामा हमले का बदला लेने के लिए कुछ भी करे, लेकिन सबसे पहले उसे जवानों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी चाहिए.

अगर भारत को ये सही लगता है तो मैं भी सराहना करती हूं. अगर वो युद्ध की सोच रहे हैं तो वो ऐसा कर सकते हैं, पर हमारे सैनिकों को सुरक्षा देने में वे असफ़ल रहे हैं. मैं इस कार्रवाई की सराहना करती हूं पर आख़िर में हर सैनिक किसी का पति, भाई या बेटा है. सरकार उनकी सुरक्षा के लिए क्या कर रही है? हमले का बदला लेने के साथ ही देश को सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए. हमला फिर जवाबी हमला, इसका कोई अंत नहीं है.– शहीद बबलू की पत्नी
और जिस तरह से हाल में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ रहा है, बबलू संतरा की दुखी विधवा, मीता संतरा ने ये भी कहा कि, ‘युद्ध हर समस्या को हल नहीं कर सकता.’ इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि ‘एक वर्दीधारी जवान अपने परिवार के पास सुरक्षित लौटने के बारे में सोचता है, लेकिन सरकार उस तरीके से नहीं सोचती.’
The Times of India के अनुसार, युद्ध के ख़िलाफ़ होने का अपना कारण बताते हुए उन्होंने कहा, ‘युद्ध के मैदान में हर मौत अंततः सैनिकों के परिवारों को तबाह कर देती है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मीता इतिहास पढ़ाती हैं और वो इस बात को अच्छी तरह से जानती और बूझती हैं कि किसी भी युद्ध से कभी भी कोई स्थायी समाधान नहीं निकल सकता है.

लेकिन मीता संतरा क ये बात सोशल मीडिया यूज़र्स के रास नहीं आई और उन्होंने उनकी इस सलाह के लिए उनकी आलोचना करनी शुरू कर दी. और कई अलग-अलग वेबसाइट्स और सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर उनको ट्रोल किया गया. यहां तक कि उनको ‘कायर और आत्म-केंद्रित’ होने की उपाधि भी दे दी गई.
सोशल मीडिया पर ट्रोल होने के बाद भी वो मज़बूती से अपने युद्ध-विरोधी रुख के साथ खड़ी रहीं, और उन्होंने Times of India को बताया,
‘अभी, मैं इन सोशल मीडिया साइट्स को देखने की स्थिति में नहीं हूं. लेकिन युद्ध के बारे में मैंजो कुछ भी कह रही हूं, मैं अभी भी उसके साथ ही खड़ी हूं. देश में हर व्यक्ति की अपनी-अपनी राय है; और यही देश के नागरिक के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है. मैं इनसे अलग नहीं हूं.’
हालांकि, कोलकाता के कई लोग, कई छात्र समुदाय और शहर के बुद्धिजीवियों ने भी इन ट्रोल्स के ख़िलाफ़ क़दम उठाया. इतना ही नहीं, ट्विटर भी इस मीता के साथ खड़ा हो गया है और उनके शान्तिवादी रुख की सराहना भी की है ट्विटर ने.
Salute the courageous war widow, Mita Santra, for her humane pacific stand despite her own yet-raw grief. Shame the trolls whose sabres rattle from safe distances. Cowards, they’re eager to egg on others but would the first to flee from personal danger.
— bachi karkaria (@bachikarkaria) February 28, 2019
A woman who lost her husband in the #Pulwama attack, Mita Santra, has the courage to #SayNoToWar _ she’s being trolled for it. I, and my organisation AIPWA, stand with Mita. In her own way she’s just as courageous as any soldier & it’s the armchair warrior trolls who r cowards. https://t.co/nYvUEo73Bd
— Kavita Krishnan (@kavita_krishnan) February 28, 2019
Mita Santra, whose husband, Babloo Santra, was one of the 40 CRPF jawans who died in the Pulwama said “war-cannot-solve-every-problem”. She has been abused & trolled on social media for her statement. Is talking sense also a blasphemy? Are we in the age of hypernationalism?
— Ashok Upadhyay (@ashoupadhyay) February 28, 2019
We do not want war. Many wives like me will lose their husbands. Many daughters like mine will lose their fathers. But I want those guilty to be punished: Mita Santra, wife of Bablu Santra who died in #PulwamaAttack. Salute sister, you spoke for all of us.https://t.co/RvYrW1siMB
— Dipankar (@Dipankar_cpiml) February 17, 2019
मगर ये कितनी दुखद बात है कि जिस औरत के पति ने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी, उसकी ही विधवा को अपने ही देश में देश के कुछ तथाकथित देशभक्तों की ऐसी गंभीर और निरर्थक आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. कभी किसी ने सोचा कि जब इस औरत को अपने पति की मौत की ख़बर मिली होगी, तो उसके ऊपर क्या बीती होगी? इसकी आप और हम कल्पना भी नहीं कर सकते.

और आखिर में मैं भी यही कहूंगी कि युद्ध ने कभी किसी देश को आबाद नहीं किया है, बर्बाद ही किया है. और इस बात का गवाह दुनियाभर में हुए युद्ध खुद हैं.