पिछले कुछ दिनों से आये दिन छत्तीसगढ़ में नक्सली हमलों की वारदातें हो रही हैं आये दिन सेना के जवान इन हमलों में शहीद हो रहे हैं. इन हमलों में जवानो की मौत की खबर उनके घर वालों पर दुखों का पहाड़ लेकर आती है. पिछले हफ़्ते भी सुकमा में तैनात सुरक्षबलों पर नक्सलियों ने हमला कर दिया, जिसमें 25 जवान शहीद हो गए.

ये हमला उस वक़्त हुआ, जब CRPF के ये जवान दोपहर का खाना खा रहे थे. तभी अचानक ही नक्सलियों ने इन पर हमला बोल दिया. 25 जवानों की मौत के बाद हर बार की तरह ही इस बार भी सरकार ने वादा किया और कहा कि जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी. लेकिन वादे करना तो आसान होता है. गौरतलब है कि इस हमले में शहीद हुए जवान अपने परिवार में अकेले कमाने वाले थे और उनके ऊपर ही परिवार की पूरी ज़िम्मेदारी थी.

पिछले हफ्ते हुए इस नक्सली हमले में अमृतसर के रहने वाले रघबीर सिंह, जो CRPF में कॉन्स्टेबल पद पर तैनात थे, की भी मौत हो गई. रघबीर भी अपने परिवार में इकलौते कमाने वाले थे. रघबीर की मौत की खबर सुनकर उनके परिवार में मातम छा गया. पूरा देश इन जवानों की मौत पर सकते में आ गया. लोग ने अपना गुस्सा भी व्यक्त किया.

वहीं रघबीर की 50 वर्षीय पत्नी बलजीत कौर ने इस मुश्किल वक़्त में हिम्मत नहीं हारी और साहस की एक अनोखी मिसाल पेश की. उन्होंने अपने पति को श्रद्धांजलि देने के लिए उनकी अर्थी को कंधा दिया, साथ ही उनकी अंतिम विदाई के वक़्त उनको सलामी भी दी.

सुकमा हमले में शहीद हुए रघबीर का अंतिम संस्कार उनके अमृतसर में स्थित उनके पैतृक गांव सठियाला में किया गया.

जब रघबीर की अर्थी उठी, तो उनकी पत्नी बलजीत ने भी अर्थी को कंधा दिया. बलजीत शव यात्रा के दौरान पूरे समय अर्थी को कंधा देते हुए चलती रहीं. ये तो आपको पता ही होगा कि भारत के ज़्यादातर हिस्सों महिलाएं अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होती हैं. लेकिन बलजीत कौर ने इस परंपरा को तोड़ते हुए अपने शहीद पति को कंधा भी दिया और उनके अंतिम संस्कार में भी शामिल हुईं.

जब रघबीर का शव चिता पर रखा गया, तो दुख और शोक में डूबी हुईं बलजीत ने हिम्मत दिखाते हुए अपने पति को सलामी भी दी.

रघबीर के अंतिम संस्कार के सठियाला गांव मौजूद था. गांव और परिवार के अधिकृत लोगों ने बलजीत के इस फ़ैसले का समर्थन किया. अंतिम संस्कार के दौरान CRPF की एक टुकड़ी भी वहां मौजूद थी. CRPF जवानों ने अपने शहीद नायक रघबीर सिंह को बंदूकों से सलामी दी.

रघबीर और बलजीत का एक 24 साल का बेटा अमृतपाल और 16 साल की बेटी सिमरनदीप कौर है. रघबीर के पूरे परिवार की जिम्मेदारी अब उनकी पत्नी के कंधों पर आ गई है. पंजाब सरकार ने शहीद रघबीर के परिवार को 5 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है.

देश की सुरक्षा और अपने फर्ज के लिए अपनी जान और परिवार की भी फिक्र नहीं करने वाले शहीदों को शत-शत नमन.

Source: indiatimes