सिक्किम देश का इकलौता राज्य है जहां अब तक कोरोना वायरस का एक भी मामला सामने नहीं आया है. देश भर में लॉकडाउन लागू होने से 9 दिन पहले ही सिक्किम सरकार ने राज्य में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया था.
कोरोना संक्रमण से बचने के लिए राज्य सरकार समय-समय पर कई असरदार कदम उठाती रही. यही कारण रहा कि राज्य में ये महामारी अब तक दस्तक नहीं दे पाई. अब सिक्किम ने एक और शानदार फ़ैसला लेते हुए इस साल अक्टूबर तक पर्यटकों के लिए अपने बॉर्डर बंद कर दिए हैं.
क़रीब-क़रीब 7 लाख की आबादी वाले पर्वतीय राज्य सिक्किम की सीमाएं चीन और नेपाल से लगती हैं. सिक्किम से कोरोना वायरस की जांच के लिए 81 सैंपल भेजे जा चुके हैं. इस दौरान सभी नतीजे नेगेटिव आए हैं.
इंडिया टुडे से बातचीत में सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद ने बताया, सिक्किम के कुछ छात्र चीन में पढ़ रहे थे. लेकिन राज्य सरकार सभी छात्रों को जनवरी में वापस ले आई थी. इसके बाद राज्य सरकार ने बाहरी लोगों के लिए आवाजाही भी बंद कर दी थी. देशभर में 22 मार्च को जनता कर्फ़्यू लगाया गया, लेकिन राज्य में 17 मार्च को लॉकडाउन लागू कर दिया गया था.
राज्यपाल ने कहा कि सिक्किम पर्यटकों के लिए अक्टूबर माह तक बंद रहेगा. हमने ये फ़ैसला राज्य के 7 लाख लोगों के हित में लिया है. इसके साथ ही राज्य सरकार ने सभी प्रवासी मज़दूरों को यहीं रोक कर रखा है. सभी मज़दूरों को हर दिन खाना और पैसा दिया जा रहा है. हमें मालूम है कि लॉकडाउन ख़त्म होने के बाद उन्हें इसकी ज़रूरत होगी.
सिक्किम सरकार अब भी विदेशों से आए सभी छात्रों पर नज़र बनाये हुए है. कोरोना संक्रमण न फ़ैले इसके लिए स्थानीय प्रशासन के लोग केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. पंचायत और ब्लॉक स्तर पर कई टीमें काम कर रही हैं. ये लोग राज्य में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की निगरानी भी कर रहे हैं.
एक ओर जहां पूरी दुनिया कोरोना संक्रमण से जूझ रही है वहीं सिक्किम दुनिया के सामने मिसाल कायम कर रहा है.