कैलेंडर के हिसाब से देश को आज़ाद हुए 70 साल हो गए, इतिहास की किताबें और सरकार भी यही दावा करती है. इस आज़ादी के लिए कईयों ने अपनी जान गंवाई और आज भी गंवा रहे हैं. पर जिस देश में लोग एक दूसरे से सभ्यता से बात तक नहीं करते, क्या वो देश सच में आज़ाद है?

The Hindu

आज भी देश में लोगों के लिए जगह हो ना हो, पर कई कुरीतियों और अंधविश्वासों को जगह दी जाती है. राजस्थान के अजमेर में एक 40 वर्षीय महिला की निर्मम हत्या कर दी गई. कन्या देवी को गांववालों और उसके कुछ रिश्तेदारों ने मिलकर मार डाला. कन्या देवी को नग्न कर घुमाया गया और बुरी तरह मारा गया. गांववाले इतने पर ही नहीं रुके, पर इसके बाद उसे जलते अंगारों पर फेंका गया और उसकी आंखों को भी अंगारों से जला दिया गया. उसे इंसान का मल भी खिलाया गया. गांववालों को शक था कि वो काला जादू करती है. ये सब कन्या देवी के 15 साल के बेटे की आंखों के सामने हुआ.

घटना के अगले दिन उसकी मौत हो गई. कन्या देवी के पति की मौत पिछले महीने हो गई थी.

पुलिस ने बताया कि गांव की एक खाप पंचायत ने आरोपियों को पुष्कर जाकर अपने पाप धोने की आज्ञा दी. जिन लोगों पर कन्या देवी की निर्मम हत्या का आरोप था, उन पर 2500 रुपये का जुर्माना लगाकर उन्हें छोड़ दिया गया. लेकिन गांववालों को सख्त हिदायत दी गई कि कोई भी पुलिस में रिपोर्ट न लिखवाये.

अजमेर एसपी ने बताया कि घटना के 5 आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया गया है. आरोपियों का कहना है कि किसी भैरव बाबा के कहने पर उन्होंने कन्या देवी के साथ वैसा व्यवहार किया, भैरव बाबा ने ही बताया था कि कन्या देवी एक डायन है

NDTV

ये पूरा मामला कन्या देवी के दूर के रिश्तेदार और Activist महादेव रेगार के कारण सामने आया.  महादेव ने ही 8 अगस्त को पुलिस में शिकायत दर्ज की.

ये कोई पहली घटना नहीं है. कुछ घटनाएं मीडिया तक पहुंच पाती हैं, वहीं कुछ तो पुलिस तक भी नहीं पहुंच पाती. कभी बच्चे चुराने के आरोप में, तो कभी काला जादू करने के आरोप में कई महिलाओं को बेरहमी से मार दिया जाता है. रांची के पास के एक गांव में तो पढ़े-लिखे युवाओं ने एक औरत को पीट-पीटकर मार डाला था. तो लोग ये भी आरोप नहीं लगा सकते की गांववालों में साक्षरता नहीं है, इसलिये वहां ऐसी घटनाएं होती हैं.

हम जात-पात, धर्म के नाम पर लड़ते रहते हैं और इंसानियत शर्मसार होती रहती है. देश में लगभग हर व्यक्ति के पास मोबाईल फ़ोन है, गौरतलब है कि देश में उतने शौचालय नहीं है. आखिर ये किस तरह की स्वतंत्रता है कि एक भीड़ किसी को बेरहमी से मार डाले और सभी मूक दर्शक बने रहते हैं? 

Source: HT

Feature Image Source: NDTV