सोमवार को उत्तर प्रदेश के हापुड़ में एक महिला ने ख़ुद को आग लगा ली. जलने के दर्द से वाकिफ़ होते हुए भी उसने ख़ुद को आग के हवाले कर दिया. 75-80 फ़ीसदी जल चुकी ये महिला ज़िन्दगी और मौत के बीच झूल रही है.

TOI की टीम महिला से मिली. महिला के अनुसार,
2009 में 14 साल की उम्र में उसकी शादी कर दी गई. कुछ महीनों बाद उसके पति ने उसे छोड़ दिया.
कुछ हफ़्तों बाद उसके पिता ने उसे बेच दिया. महिला के शब्दों में,
मेरा दूसरा पति शैतान था. वो अपने दोस्तों से मेरा बलात्कार करवाता. लोगों को इसका पता चला तो उन्हें लगा कि मैं आसानी से ‘मिल’ सकती हूं. 20 से ज़्यादा लोगों ने मेरे साथ बलात्कार किया और मुझे एसिड से जलाने की धमकी दी.
महिला का आरोप है कि उसने कई बार इंसाफ़ का दरवाज़ा खटखटाया पर उसे इंसाफ़ नहीं मिला.
मैंने कई जगह अलग-अलग शिकायत दर्ज की पर हर बार मुझे ‘जांच की जा रही है’ सुनने को मिलता. 2018 अक्टूबर से 2019 अप्रैल के बीच, कोई एफ़आईआर दर्ज नहीं की गई. मैं निराश हो चुकी थी इसीलिए मैंने ख़ुद को ख़त्म करने का निर्णय लिया.
-सर्वाइवर महिला

महिला का दूसरा पति, उसके पिता का ही दोस्त था जो उसके साथ रोज़ मार-पीट करता. महिला का कहना है कि उसका एक अन्य दोस्त इस सब में उसके साथ खड़ा था. महिला के दोस्त के शब्दों में,
उसके माता-पिता, 2 भाईयों, 1 बहन ने उससे सारे रिश्ते तोड़ लिए हैं. इस वक़्त उसे मेरी सबसे ज़्यादा ज़रूरत है. मैं उसे अकेले नहीं छोड़ूंगा.
महिला के तीन बच्चे हैं, 1 पहले पति से, 1 दूसरे से और 1 उसके बलात्कारी से. तीनों बच्चे दूसरे पति के पास हैं.
आमतौर पर कोई ख़ुदकुशी करने की कोशिश करे तो हम उसे ग़लत ठहराते हैं. उससे कहा जाता है कि दुनिया में बहुत कुछ है. पर इस महिला को जिसे उसके पिता, पति, परिवार और यहां तक की सरकार से भी कोई मदद नहीं मिली को क्या कहना चाहिए?