रोज़ाना हम कई क़िस्म के लोगों से मिलते हैं. किसी की मानसिकता हमसे मिलती-जुलती है और किसी की नहीं.  
और कई बार कुछ ऐसे कतई घटिया मानसिकता के लोगों से सामना हो जाता है जिनके बारे में हम बिना बताए रह नहीं पाते. यूं समझ लीजिये कि भड़ास निकालना बेहद ज़रूरी हो जाता है. 

ट्विटर पर एक लड़की ने भी कुछ ऐसा ही किया और एक आदमी से हुई मुलाक़ात की कुछ बातें शेयर कीं.  

‘मुझे लगा था ये मुमकिन नहीं है पर आज मैं दुनिया के सबसे घटिया आदमी से मिली. हे भगवान. उसकी टट्टी जैसी बातों का थ्रेड बना रही हूं. ‘ 

पहला कोट: ‘तुम कैसे कह सकती हो कि पाकिस्तान महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है? एक देश बताओ जहां रेप नहीं होते.’ 

‘जब मैंने अदब से बिल बांटने की पेशकश की, ‘हे भगवान, ये मत कहना कि तुम फ़ेमिनिस्ट हो!’ मैं हूं बेवकूफ़ आदमी, लेकिन ये उस लिए नहीं है, मैंने बिल बांटने की पेशकश इसलिए कि क्योंकि ये बेसिक मैनर है कि मैं आधा बिल भरूं.’ 

‘वो: मैं IK (इमरान ख़ान) का फ़ैन हूं. मुझे नहीं लगता हमारा देश उन्हें डिज़र्व करता है.

मैं: मैं फ़ैन नहीं पर मैंने उनके लिए वोट किया था.
वो: मैंने कभी वोट नहीं किया पर मैं चाहता था कि वो पीएम बने.
मैं: क्या तुम्हें 2018 उनकी शासन-विधि पसंद आ रही है?
वो: मुझे ज़्यादा नहीं पता पर वो इतने ईमानदार है. हमारे यहां के लोग बेमतलब की आलोचना करते हैं.’

‘तुम यहां जीन्स-शर्ट पहन रही हो? भला तुम उत्पीड़ित कैसे हो? जब मैंने Structural Oppression पर बात की,

वो: हो सकता है बस तुम्हारा परिवार उत्पीड़न करता हो. मेरी बहन ने कभी शिकायत नहीं की.
जब मैंने क़ानूनी असमानता पर बोला: हां मुझे क़ानून के बारे में ज़्यादा पता नहीं है.’

‘मैं: माफ़ करना मुझे नहीं लगता हम Compatible हैं, मैं ऐसा पुरुष नहीं चाहती जो मुझे ये बताये कि मुझे क्या पहनना है. वो: अगर एक पति एक पत्नी को बीच पर बिकीनी पहनने के लिए मन करे, क्या ये ग़लत है? चेकमेट!!! तुम बिकीनी पहनती हो?!!

इस बंदे ने मुझे तीन घंटे बस फ़ेमिनिज़्म बताने के लिए बैठाकर रखा. सिर्फ़ सुनने और टट्टी बात बोला उसने. सबसे टट्टी बात उसकी ये थी, ‘मेरी पसंदीदा क़िताब, दे एलकेमिस्ट है

‘आख़िरकार और तसल्ली देते हुए उसने कहा, ‘पता नहीं क्यों, मैंने सालों से अरेंज मैरेज के ज़रिए पढ़ी-लिखी महिलाएं शादी के लिए ढूंढ रहा हूं. मुझे एक भी ख़ूबसूरत, नॉन-फ़ेमिनिस्ट औरत नहीं मिली.’ (इस आदमी ने ये भी कहा कि वो हिजाबी महिला नहीं ढूंढ रहा.)’

‘मुझे अरेंज मैरेज का कॉन्सेप्ट पसंद नहीं पर लेडीज़, कभी लड़के से मिलने बिना हां या सगाई के लिए रज़ामंद मत होना. लड़के से मूल्यों पर बात-चीत करना. ये बंदा यूके में पढ़ा, अच्छी नौकरी करता है और मॉर्डन परिवार से आता है. Incel कहीं से भी आ सकते हैं!’

अगर आप भी शादी या डेटिंग पर्पस से किसी ऐसे शख़्स/महिला से भी मिले हो तो कमेंट बॉक्स में बताओ.