साइंस से ले कर मेडिकल, आर्ट, डांस तक हर क्षेत्र में लड़कियां, लड़कों के साथ कंधे से कंधा मिला कर चल रही हैं. इसी बदलती सोच का असर है कि अब महिलाएं रक्षा क्षेत्र में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने लगी हैं.
महिलाओं के इसी जज़्बे को देखते हुए राजस्थान के जयपुर प्रशासन ने शहर को अपराधी मुक्त बनाने की ज़िम्मेदारी महिलाओं के हाथ में सौंपी हैं.

इस बाबत 2-2 महिलाओं की 26 टीमों का गठन किया गया है, जो ख़ासतौर से महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों को रोकने का काम करेंगी.

इस यूनिट की सभी महिलाएं सुबह 7 बजे से ले कर शाम 11 बजे तक 8-8 घंटे की तीन-तीन शिफ़्ट में काम करेंगी.

इससे पहले इस तरह की शुरुआत उदयपुर में पहले की जा चुकी है, जिसे प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने खुद हरी झंडी दिखाई थी.
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जयपुर में इसकी शुरुआत पुलिस कमिश्नर संजय अग्रवाल के नेतृत्त्व में की गई, जिन्होंने 26 स्क्टूरों के साथ इस महिला पुलिस टीम का स्वागत किया.

इन सभी महिलाओं को अपराधियों से निपटने की ट्रेनिंग के साथ उतारा गया है.

नोडल ऑफ़िसर कमल शेखावत के मुताबिक शहर में ऐसी 200 जगहों की पहचान की गई है, जहां महिलाएं छेड़छाड़ का शिकार होती हैं.

महिला टीम के टॉर्च, फ़र्स्ट-ऐड किट के साथ-साथ साथियों से सम्पर्क करने के लिए कम्युनिकेशन फ़ोन भी हैं.

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