26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान जो कुछ भी हुआ उसे भुलाया नहीं जा सकता. पुलिस और किसानों के बीच हुई झड़प में कई बेकसूर लोगों की जानें चली गईं. कई घायल हुए और कई अभी भी लापता हैं.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2021/02/603605f0d1e99b403a326da8_c28f6a26-f3b1-4db1-b3d6-188ab8f98e75.jpg)
लापता लोगों में जोरावर सिंह भी हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, 75 वर्षीय जोरावर सिंह गणतंत्र दिवस से गुमशुदा हैं. 1.5 एकड़ जमीन के मालिक जोरावर सिंह पिछले साल एक अक्टूबर से किसान आंदोलन का हिस्सा बने हुए थे. कहा जा रहा है कि वो 26 जनवरी तक अपनी बेटी परमजीत कौर के संपर्क में थे, लेकिन उसके से बाद उनका कुछ अता-पता नहीं है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2021/02/603605f0d1e99b403a326da8_de85a3e5-e2e0-4a20-8c09-57d59d33fac3.jpg)
जोरावर सिंह की बेटी परमजीत कौर अपने पिता को लेकर काफ़ी परेशान हैं. इसलिये उन्हें ढूंढने के लिये परमजीत ने सिंघू और टिकरी सीमा पर 5,000 पोस्टर चिपकाये हैं. परमजीत को उम्मीद है कि शायद ऐसा करने से उनके पिता मिल जायें. वो कहती हैं कि अक्टूबर में जब पंजाब में रेल रोको आंदोलन चल रहा था, जब रेल की पटरियों पर सोते थे. खन्ना रेल लाइन से वो फतेहगढ़ साहिब पहुंचे और इसके बाद सिंघू सीमा तक पहुंच गये.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2021/02/603605f0d1e99b403a326da8_3644471c-854d-46cd-89b2-b36cbfb9da42.jpg)
परमजीत कहती हैं कि वो 22 जनवरी को अपने पिता से मिलने गईं थीं. इस दौरान जोरावर सिंह ने उनसे कहा था कि कृषि क़ानून के विरुद्ध चल रही जंग जीतने के बाद ही आयेंगे. उनके पास फ़ोन नहीं था. इसलिये परमजीत हमेशा अपने पड़ोसियों के फ़ोन पर कॉल करके उनका हाल-चाल ले लेती थीं. जोरावर सिंह की बेटी का कहना है कि वो BKU के सदस्य भी थे और किसी भी किसान ने उन्हें 26 जनवरी के बाद मोर्चे में नहीं देखा.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2021/02/603605f0d1e99b403a326da8_8b24b1eb-f04c-4dc0-a3a9-50405b6a06bd.jpg)
पिछले साल जोरासिंह की पत्नी गुरमीत कौर का निधन हो गया था. मंगलवार को परमजीत अपने पांच साल के बेटे के साथ सिंघू बॉर्डर पर पिता की जानकारी लेने गईं थीं, लेकिन उन्हें खाली हाथ आना वापस लौटना पड़ा.