दुनिया क़रीब 50 साल से हैंड सैनिटाइज़र का इस्तेमाल कर रही है. लेकिन कोरोना वायरस के कारण हाल ही में इसकी डिमांड अचानक बढ़ गई है.   

इन दिनों हैंड सैनिटाइज़र कोरोना और इसके डर दोनों से ही लड़ने में सबसे प्रमुख भूमिका निभा रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक़, हैंड सैनिटाइज़र और लिक्विड सोप की मांग 400 फ़ीसदी तक बढ़ गई है. जिसकी वजह से दुनिया के कई देशों में इसकी भारी कमी हो गई है.   

लेकिन क्या आप जानते हैं कि हैंड सैनिटाइज़र बनाने का आइडिया किसका था?  

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एक रिपोर्ट के मुताबिक़, साल 1966 में बेकर्सफील्ड शहर की रहने वाली एक स्टूडेंट नर्स Lupe Hernandez इस बात को लेकर परेशान थीं कि अगर पेशेंट के पास जाने से पहले डॉक्टर के पास साबुन और पानी न हो तो कैसे काम चलेगा? ऐसे में उनके दिमाग में एक अल्कोहॉल युक्त जेल बनाने का विचार आया. इस जेल को जब हाथों पर मसला तो ये कीटाणुओं को मारते हुए इवेपरेट हो गया. इस तरह हमें हैंड सैनिटाइज़र मिला, जो आज कोरोना वायरस जैसी ख़तरनाक बीमारी से बचाने में बेहद अहम किरदार अदा कर रहा है.  

ऐसे में इस अविष्कार के 50 साल बाद लोग Lupe Hernandez के बारे में जान पा रहे हैं और ट्विटर पर उनका शुक्रिया अदा कर रहे हैं.