आज के दौर में हर मां-बाप की बस यही चाह होती है कि उसका बच्चा शाहरुख़, सलमान, धोनी और विराट जैसा सक्सेसफ़ुल बने. इसलिए बच्चों की चाह में इंसान न जाने क्या-क्या कर जाता है. 

captainmums

ऐसा ही एक अजीबो-ग़रीब मामला रूस में भी देखने को मिला. 

दरअसल, 40 साल की एक महिला ने IBF तकनीक से मां बनने की सहारा लिया. इस दौरान उसने ‘स्पर्म बैंक’ की मदद से अपने बच्चे के पिता के तौर पर 6 फ़ीट लंबे एक स्पर्म डोनर का चुनाव किया. चूंकि महिला की उम्र 40 साल हो गई थी, इसलिए उसे लगता था कि गर्भवती होने का ये आख़िरी मौका है. 

indiatimes

इसलिए ये महिला चाहती थी कि उसका बच्चा भविष्य में सर्वगुण संपन्न बने. इसके लिए महिला ने एक ऐसे स्पर्म डोनर का चुनाव किया जो अधिक पढ़ा लिखा था और उसकी हाईट 6 फ़ीट थी. 

दरअसल, महिला उस समय हैरान रह गई जब गर्भावस्था के दौरान उसे पता चला कि उसका बच्चा बौनेपन के साथ पैदा होगा. इस दौरान डॉक्टरों को अजन्मे बच्चे में ‘Achondroplasia’ के लक्षण मिले. 

‘Achondroplasia‘ के लक्षण वाले बच्चों में हड्डियों का विकास नहीं होता है. साथ ही बच्चे के मस्तिष्क का आकार बड़ा जबकि उंगलियों बेहद छोटी होती हैं. 

timesnownews

बहरहाल, महिला ने बच्चे को जन्म दिया. लेकिन डॉक्टरों ने महिला को बताया कि बच्चा 4 फ़ीट से ज़्यादा नहीं बढ़ पाएगा. साथ ही उसके शरीर के अन्य अंग भी ठीक से विकसित नहीं हो पाएंगे. इसके बाद इस महिला ने ‘स्पर्म बैंक’ के ख़िलाफ़ मुकदमा दायर करने का फ़ैसला किया ताकि अन्य लोग भी इससे सबक ले सकें.

9gag

डेलीमेल यूके के मुताबिक़, महिला की शिकायत के बाद रूस की एक ज़िला अदालत ने इस ‘स्पर्म बैंक’ को बंद करने के आदेश दिए हैं. 

कोर्ट के आदेश के बाद ‘स्पर्म बैंक’ ने अपने बचाव में कहा कि इस प्रक्रिया के दौरान हम डोनर के 46 जेनेटिक लक्षणों की जांच के बाद ही उसका चयन करते हैं. हम अक्सर एक्ससीलेंट क़्वालिटी का स्पर्म हो डोनेट करते हैं.

जबकि मेडिकल एक्सपर्ट का मानना है कि ये ज़रूरी नहीं कि स्पर्म की वजह से ही बौनापन के लक्षण मिले हों. इसके और कारण भी हो सकते हैं.