दुनिया में एक से बढ़कर एक ज़हरीले जीव जंतु पाए जाते हैं. इनमें से कुछ इतनी ज़हरीले होते हैं कि वो चंद सेकंड में इंसान की जान तक ले सकते हैं. अब तक आपने दुनिया के सबसे ज़हरीले सांपों के बारे में सुना होगा, लेकिन आज हम आपको दुनिया के सबसे ज़हरीले बिच्छू के बारे में बताने जा रहे हैं.
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ये बिच्छू क्यूबा में पाया जाता है. नीले कलर का ये बिच्छू कोई आम बिच्छू नहीं है. ये जितना ख़तरनाक होता है, उतना ही बेशक़ीमती भी होता है. इसका ज़हर 75 करोड़ रुपये प्रति लीटर बिकता है. इसके ज़हर से ‘Vidatox’ नाम की दवाई बनाई जाती है. कैंसर के लाइलाज रोग को जड़ से ख़त्म करने वाली इस दवाई को क्यूबा में चमत्कारी दवा भी कहा जाता है.
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बता दें कि दुनिया के इस सबसे ज़हरीले बिच्छू के 1 लीटर ज़हर की क़ीमत 76 करोड़ रुपये के क़रीब है. जबकि ‘किंग कोबरा’ के 1 लीटर ज़हर की क़ीमत भारतीय मुद्रा में 30.3 करोड़ रुपये के क़रीब है. यानि कि इस बिच्छू का ज़हर थाईलैंड के विश्व प्रसिद्ध ‘किंग कोबरा’ के ज़हर से भी महंगा है. इसीलिए इसे दुनिया का सबसे मंहगा ज़हर कहा जाता है.
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बताया जाता है कि क़्युबा इस बिच्छू के ज़हर में 50 लाख से अधिक यौगिक मौजूद हैं. इनमें से अब तक बेहद कम की ही पहचान हो पाई है. इस रहस्य के खुलने के बाद चिकित्सा जगत में बिच्छू के ज़हर का महत्व और अधिक बढ़ जायेगा. इससे कई दूसरे असाध्य रोगों की दवाइयां बनने की भी संभावना है.
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इज़राइल की Tel Aviv University के प्रोफ़ेसर Michael Gurevitz के अनुसार, इस बिच्छू के ज़हर का इस्तेमाल कई मेडिकल रिसर्च और ट्रीटमेंट के लिए हो रहा है. इन बिच्छुओं के ज़हर में कुछ ऐसे तत्व हैं जो पेनकिलर के तौर पर भी काम करते हैं. इसके ज़हर से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी को भी रोका जा सकता है क्योंकि इस ज़हर में मौजूद कुछ तत्व कैंसर कारक सेल्स को बनने से रोक सकते हैं.
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ऑर्गन ट्रान्सप्लांट में मददगार
Fred Hutchinson Cancer Research Center की रिपोर्ट के मुताबिक़, इस बिच्छू का ज़हर ‘ऑर्गन ट्रान्सप्लांट’ में भी इस्तेमाल किया जाता है. कई बार शरीर में कोई नया अंग लगाने पर बॉडी उसे रिजेक्ट कर देती है. ऐसी स्थिति में सिंथेटिक बदलाव के लिए इस ज़हर का इंसान के शरीर में इंजेक्ट किया जाता है और ये बॉडी के इम्यून सिस्टम पर तेज़ी से काम काम करने लगता है. ऐसे में ऑर्गन रिजेक्ट होने की संभावना कम रहती है.
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इसके अलावा हड्डी की बीमारी Arthritis को भी इस ज़हर के माध्यम से रोका जा सकता है. इसके माध्यम से हड्डियों के घिसने की प्रॉसेस को कम किया जा सकता है.
साल 2011 में क्यूबा के 71 वर्षीय इस शख्स ने दावा किया था कि, वो ख़ुद को बिच्छुओं से कटवाता था. इसके चलते उसके शरीर के सारे दर्द ग़ायब हो गए हैं.