इस्लामाबाद के मार्गहजर चिड़ियाघर में पिछले 35 सालों से एक हाथी रह रहा था. दुनिया के इस सबसे अकेले हाथी कावां को क़ानूनी लड़ाई के बाद आख़िरकार कम्बोडिया भेजा गया जहां जो अपने जैसे हाथियों के बीच रहेगा.

हाथी की कहानी है फ़िल्मी:
इस हाथी का पकिस्तान से दूर दूर का नाता नहीं था मगर ये हाथी पाकिस्तान पहुंचा कैसे? इसके पीछे थी एक बच्ची की प्रार्थना, बॉलीवुड और इंटरनेशनल डिप्लोमेसी. हुआ यूं कि पाकिस्तान के तत्कालीन सैन्य शासक जनरल जियाउल हक की बेटी ज़ैन ज़िया ने ‘हाथी मेरे साथी’ देखी जिसके बाद उन्होंने प्रार्थना की कि काश उनका कोई हाथी दोस्त हो. बेटी ज़ैन ज़िया की इस प्रार्थना को उनके पिता ने सुन लिया और कुछ ही दिनों में उसके लिए एक हाथी का एक छोटा बच्चा ले आये. ये हाथी कावां ही था.

कावां इससे पहले श्री लंका के Pinnawala Elephant Orphanage में रह रहा था. ऐसा माना जाता है कि विद्रोह के दौरान श्रीलंकाई सेना को समर्थन देने के लिए जनरल हक की सरकार को धन्यवाद के रूप में 1 साल का ये हाथी दिया गया था.

हमेशा से अकेला नहीं था हाथी
गिफ़्ट में हाथी मिलने के बाद इस हाथी को मार्गहजर चिड़ियाघर में सौंप दिया गया. यहां कावां का काम चिड़ियाघर में आने वाले लोगों का मनोरंजन करना था. पहले कावां के साथ एक हथिनी थी जिसका नाम ‘सहेली’ था. सहेली को 1990 के दशक की शुरुआत में बांग्लादेश से लाया गया था. सहेली की मौत 2012 में हुई. रिकॉर्ड के अनुसार सहेली की मौत हार्ट अटैक से हुई मगर Friends of Islamabad Zoo के एक वालंटियर बताते हैं कि हथिनी की मौत उसके शरीर में चुभाई गयीं जिससे उसे सेप्टिक हो गया जो उसकी मौत का कारण बना.

सहेली की मौत के बाद कावां एकदम अकेला पड़ गया. पूरे चिड़ियाघर में एक अकेले हाथी के लिए जीवन आसान नहीं था. धीरे-धीरे हाथी अपना मानसिक संतुलन भी खोने लगा. साथ ही हाथी की सेहत भी ख़राब होने लगी.

बड़ी हस्तियों ने की मदद:
अमेरिका के गायिका ‘चेर’ को सबसे पहले 2016 में हाथी की बुरी हालत के बारे में पता चला. चेर ‘फ्री द वाइल्ड’ नाम की एक वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन चैरिटी की को-फाउंडर भी हैं. चेर ने कावां को आज़ादी दिलाने के लिए लीगल टीम भी बनाई. चेर की वजह से इस हाथी की कहानी कायो लोगों तक पहुंची और लोग मदद के लिए सामने आये. कावां ने कानूनी लड़ाई जीती और लम्बी लड़ाई के बाद अब वह कम्बोडिया पहुंच गया है.

कावां का नया घर
कावां अब अपना बचा हुआ जीवन कम्बोडिया में काटेगा. लेकिन कावां पहले की तरह यहां अकेला नहीं रहेगा, यहां कावां को कई दोस्त मिलेंगे.

देखिये कावां की मस्ती का एक मज़ेदार वीडियो :
The revenge of #Kaavan 😂 pic.twitter.com/upfZYHO9g8
— Malik Amin Aslam (@aminattock) November 25, 2020