इस धरती पर मानव सभ्यता कितने वर्षों से चली आ रही हैं, इसका कोई साक्ष्य नहीं है. हालांकि, कुछ ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर हम अनुमान लगाते रहते हैं और पृथ्वी पर ज़िंदगी की कल्पना करते हैं. दुनिया में आज भी ऐसी कई कहानियां हैं, जिनके बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है. आए दिन हमें कुछ नई बातें पता चलती रहती हैं. हाल ही में चीन के पुरातत्ववेताओं और शोधकर्ताओं को करीब 8,500 साल पुरानी कब्रों में रेशम होने के प्रमाण मिले हैं. इस रेशम के मिलने से मानव सभ्यता के अस्तित्व पर दिमाग में कई सवालों ने जन्म ले लिया है.
चीन में स्थित इन कब्रों में रेशम पाए जाने से वैज्ञानिकों को लग रहा है कि हज़ारों साल पहले भी लोग रेशम से बने कपड़ों का इस्तेमाल करते थे. हो सकता है कि मृतक को सिल्क के कपड़ों में ही दफ़ना दिया होगा.
इस बात की पुष्टि चीन की यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के पुरातत्व वैज्ञानिक डेचाई गोंग ने की है. उन्होंने बताया कि हेनान प्रांत के जिआहू में पाए जाने वाले करीब 9,000 साल पुराने खंडहरों का अध्ययन करने के बाद मालूम हुआ कि यहां कुछ मानवीय रहस्य हैं.
चीन की कहानियों में रेशम
चीन की पुरानी कहानियों में भी इस इलाके में रेशम के कीड़ों के प्रजनन और रेशम बुनाई के प्रसंग पाए जाते हैं. जिआहू पर किए गए शोध में पाया गया कि इस इलाके की गर्म और आर्द्र जलवायु शहतूत के पेड़ों के लिए अनुकूल है, जो रेशम के कीड़ों के लिए एकमात्र खाद्य सामाग्री है.
चीन की पहचान रेशम से ही होती थी
पूरी दुनिया को पता है कि चीन रेशम के कीटों का उत्पाद करने वाला देश है. चीन में कब्र से मिले सिल्क के कपड़ों के अंश ने इस बात की पुष्टि भी कर दी. इस खोज से खुद साइंटिस्ट्स भी काफ़ी हैरान हैं.
इस खोज ने उस बहस को जन्म दे दिया है. वैज्ञानिकों के अनुसार, रेशम खुद से नष्ट हो जाता है, मगर चीन में मिले रेशम के कीड़ों से सभी हैरान हैं. हालांकि, एक बात तो स्पष्ट है कि चीन में वाकई रेशम की खेती होती थी. उस समय में भी लोग पारंगत थे.