इन दिनों पूरी दुनिया ‘कोरोना वायरस’ के कहर से जूझ रही है. दुनियाभर में अब तक 119,382 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं. अब तक क़रीब 4,300 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि, 66,583 लोग ऐसे भी हैं जो इस ख़तरनाक वायरस को मात दे चुके हैं.
‘कोरोना वायरस’ को लेकर चीन के वुहान की एक महिला डॉक्टर ने पिछले साल दिसंबर महीने में ही चेतावनी दे दी थी, लेकिन उस वक़्त हॉस्पिटल ने इस डॉक्टर को चुप रहने की सलाह दी थी. अब जाकर क़रीब ढाई महीने बाद डॉक्टर Ai Fen ने बात का ख़ुलासा किया है.
चीन की एक पीएचडी स्टूडेंट Yiqin Fu ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है.
A Wuhan doctor speaks up.
— Yiqin Fu (@yiqinfu) March 10, 2020
On Dec 30, Ai Fen took a photo of a patient’s test results and circled “SARS coronavirus” in red.
She alerted colleagues and reported to superiors bc she’d handled similar cases. Eight doctors shared the photo and were later summoned by the police. pic.twitter.com/q6OwbA5Z9n
महिला डॉक्टर Ai Fen ने बताया कि ‘पिछले साल 30 दिसंबर को उन्होंने एक मरीज़ के टेस्ट रिजल्ट की तस्वीर ली और लाल रंग के घेरे में ‘सार्स कोरोना वायरस’ लिख दिया था. इसके उन्होंने अपने सहयोगियों को सतर्क किया और इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया जो इस तरह के मामलों को संभाल रहे थे’.
इस दौरान हॉस्पिटल के 8 डॉक्टरों ने इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया था. जिसके बाद पुलिस ने उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई भी की थी.
इस संबंध में पीएचडी स्टूडेंट Yiqin Fu ने जानकारी दी कि, 1 जनवरी को महिला डॉक्टर Ai Fen को उनके सीनियर डॉक्टर्स द्वारा जमकर फटकार लगाई गई और वो चुप रही. वो एक ईआर डॉक्टर (Emergency physician) हैं. बावजूद इसके उनके विभाग ने उन्हें सुरक्षा कवच के नाम पर सिर्फ़ एक कोट ही पहनने को दिया.
Yiqin Fu
इस दौरान उनके विभाग के कई इस वायरस की चपेट में भी आये. जबकि उसी अस्पताल में तीन नेत्र रोग विशेषज्ञ और एक ब्रेस्ट सर्जन की वायरस की चपेट में आने से मृत्यु हो गई. ये डॉक्टर कुछ समय पहले ही एक बच्चे मां बनी थीं. इस दौरान जब वायरस से स्थिति बिगड़ने लगी तो उसने अपने दुधमुहे बच्चे को अपनी बहन के पास देखभाल के लिए छोड़ दिया और ख़ुद को ख़तरे में डालकर लोगों की जान बचाने में जुट गयीं.
हालांकि, इस दौरान एक वक़्त ऐसा भी आया जब डॉक्टर Ai Fen ने नौकरी छोड़ने का फैसला तक कर लिया था, लेकिन उसके पति ने उन्हें समझाया कि, वो इस लड़ाई में एक पूरी टीम का नेतृत्व कर रही हैं. इसलिए उन्हें अपना फैसला बदलना होगा. इन तमाम विपरीत परिस्तिथियों के बावजूद डॉक्टर Ai Fen अपने काम में जुटी रहीं. इस दौरान उन्होंने अपनी सूझ बूझ से कई लोगों की जान बचाई.
इस दौरान डॉक्टर Ai Fen का कहना था कि जब वो मात्र 9 साल की थीं, कैंसर के चलते उनके पिता की मृत्यु हो गई. तब से ही वो डॉक्टर बनना चाहती थीं.
Yiqin Fu आगे कहती हैं कहती हैं कि डॉक्टर Ai Fen और उनकी टीम के बारे में लिखने वाले सभी साहसी पत्रकार मेरे हीरो के सामान हैं. हालांकि, मुझे इस बात का गहरा अफ़सोस है कि इस दौरान अधिक से अधिक लोगों को इसकी चेतावनी नहीं दी गयी.